डीआरडीओ ने ओडिशा तट से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 12 नवंबर, 2024 को ओडिशा के तट से दूर चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LRLACM) का पहला उड़ान परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान, सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया और प्राथमिक मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और आईटीआर द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसरों द्वारा की गई ताकि उड़ान पथ की पूरी कवरेज सुनिश्चित की जा सके। मिसाइल ने वे पॉइंट नेविगेशन का उपयोग करके वांछित पथ का अनुसरण किया और विभिन्न ऊंचाइयों और गति पर उड़ान भरते समय विभिन्न युद्धाभ्यास करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से भी लैस है। एलआरएलएसीएम को अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों के योगदान के साथ एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु एलआरएलएसीएम के दो विकास-सह-उत्पादन-भागीदार हैं और वे मिसाइल विकास और एकीकरण में लगे हुए हैं। परीक्षण को विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों, प्रणाली के उपयोगकर्ताओं ने देखा। एलआरएलएसीएम एक रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा अनुमोदित, आवश्यकता की स्वीकृति-स्वीकृत, मिशन मोड परियोजना है। इसे मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर का उपयोग करके जमीन से लॉन्च करने के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है और यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल सिस्टम का उपयोग करके फ्रंटलाइन जहाजों से भी लॉन्च किया जा सकता है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रथम उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के स्वदेशी क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने एलआरएलएसीएम के सफल प्रथम प्रक्षेपण पर डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी।

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