नयी दिल्ली, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने ‘डस्ट पॉल्यूशन कंट्रोल सेल्फ-असेसमेंट’ पोर्टल शुरू किया है जिस पर राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण एवं तोड़फाड़ संबंधी सभी परियोजनाओं को अपना पंजीकरण कराना और नियमित रूप से धूल नियंत्रण ‘ऑडिट’ को अपलोड करना अनिवार्य होगा। प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने एक नोटिस में कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा 20 दिसंबर 2021 को जारी निर्देशों के अनुरूप डीपीसीसी ने अब यह अनिवार्य कर दिया है कि 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंड के क्षेत्र पर कार्यरत सभी निर्माण और तोड़फोड़ (सी एंड डी) परियोजनाओं को एक नव-विकसित वेब पोर्टल पर दर्ज करना होगा। पोर्टल को ऑनलाइन स्व-मूल्यांकन और दूरस्थ निगरानी की सुविधा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का उचित ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। नोटिस में कहा गया है कि इसमें परियोजना प्रस्तावकों से धूल नियंत्रण तरीकों का नियमित स्व-लेखा परीक्षण करने और 15 दिन पर स्व-घोषणा प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाती है। नोटिस के अनुसार इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के नगर निगम क्षेत्रों के अंदर 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंड पर कार्यरत परियोजनाओं को अब निश्चित रूप से वीडियो फेंसिंग को शामिल करना होगा और वास्तविक समय की वायु-गुणवत्ता निगरानी के लिए कम लागत वाले पीएम 2.5 और पीएम 10 सेंसर स्थापित करना होगा। नोटिस में कहा गया है कि निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल बिल्डर ठेकेदारों और अन्य हितधारकों से आग्रह किया जाता है कि वे अद्यतन दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए अपनी परियोजनाओं को पोर्टल पर तुरंत पंजीकृत कराएं।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common