डॉ. जितेंद्र सिंह “एक सप्ताह एक थीम” अभियान शुरू किया

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), MoS PMO, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में भारत की हाल की सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करते हुए “एक सप्ताह एक थीम” (OWOT) अभियान शुरू किया।डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “हमारा उद्देश्य समान परियोजनाओं पर काम कर रहे सभी सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के प्रयासों को एकीकृत करना है, ताकि ओवरलैप को कम किया जा सके और संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सके।” उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत ‘एक सप्ताह एक थीम’ पहल का उद्देश्य सभी के लिए नवाचार को समावेशी बनाना है।यह बताना उचित होगा कि ‘एक सप्ताह एक थीम’ मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के दिमाग की उपज है। ‘ओडब्ल्यूओटी’ पिछले साल शुरू की गई ‘एक सप्ताह एक लैब’ (ओडब्ल्यूओएल) पहल की विरासत और सफलता पर आधारित है। ओडब्ल्यूओएल भी उनके मार्गदर्शन में ही संभव हुआ है।इस अवसर पर बोलते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने इस पहल के पीछे के उद्देश्य और उद्देश्य पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य नागरिकों के बीच प्रयोगशालाओं में प्रगति और विकास के बारे में जागरूकता पैदा करना, उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करके लाभान्वित करना, एमएसएमई, स्टार्टअप, एसएचजी, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं जैसे हितधारकों को उद्योग के साथ एकीकरण और सहयोग द्वारा सशक्त बनाना है।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में करीब 24 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, उत्पाद लॉन्च और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए। सीएसआईआर की शुरुआती यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सीएसआईआर का इतिहास भारत की आजादी से भी पुराना है, लेकिन तब तक उद्योगों के बीच जुड़ाव काफी हद तक नहीं हुआ था। हालांकि, पिछले दशक में हमने उद्योग-अकादमिक और शोध एवं उद्यमिता को एकीकृत करने का प्रयास किया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन विज्ञान को प्रयोगशालाओं तक सीमित न रखकर किसानों और आम नागरिकों को सशक्त बनाना है, ताकि उनके जीवन को आसान बनाया जा सके। उन्होंने 8 विषयों पर चर्चा की, जिनमें ऊर्जा और ऊर्जा उपकरण; रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और रणनीतिक क्षेत्र; नागरिक बुनियादी ढांचा और इंजीनियरिंग, कृषि, पोषण और जैव प्रौद्योगिकी; स्वास्थ्य सेवा; खनन, खनिज, धातु और सामग्री; पारिस्थितिकी, पर्यावरण, पृथ्वी, महासागर विज्ञान और जल शामिल हैं। https://x.com/DrJitendraSingh/status/1805239806949212496/photo/3

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