ब्रसेल्स, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण करने की आशंका के मद्देनजर पश्चिमी देशों में गहरी चिंता के बीच तनाव घटाने को लेकर नाटो तथा रूस और अधिक बैठकें करने के लिए सहमत हुए हैं।
नाटो-रूस परिषद की बैठक की अध्यक्षता के बाद स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि दोनों पक्षों ने वार्ता और भविष्य में बैठकों की जरूरत का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि नाटो के 30 देश मिसाइल की तैनाती को सीमित करने पर सहमति बनाने सहित खतरनाक सैन्य घटनाओं को रोकने, अंतरिक्ष व साइबर खतरों को घटाने और हथियार नियंत्रण एवं निरस्त्रीकरण करने पर चर्चा करना चाहते हैं।
हालांकि, स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन के बारे में कोई वार्ता आसान नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर नाटो के सदस्य देशों और रूस के बीच काफी मतभेद हैं। ’’ उन्होंने कहा कि रूसी उप विदेश मंत्री एलेक्जेंडर ग्रुश्को और उप रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फोमिन के साथ बहुत गंभीर तथा सीधी बात हुई।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन को अपने भविष्य की सुरक्षा के बारे में खुद फैसला करने का अधिकार है और नाटो नये सदस्यों के लिए अपने दरवाजे खुले रखेगा। उन्होंने सैन्य गठबंधन के अपना विस्तार रोकने की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक मुख्य मांग खाारिज करते हुए यह कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी अन्य को कुछ नहीं कहना है और बेशक रूस को इसके लिए वीटो शक्ति प्राप्त नहीं है।’’
नाटो-रूस परिषद की दो साल में अपने तरह की यह पहली बैठक हुई है।
अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने भी यह रेखांकित किया कि किसी भी यूरोपीय देश को नाटो में शामिल होने का अधिकार है, यदि वह ऐसा करने को इच्छुक हो तो।
उल्लेखनीय है कि रूस के करीब एक लाख सैनिक टैंक, तोपखाना और भारी सैन्य उपकरणों के साथ यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर मौजूद हैं।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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