चेन्नई, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने सोमवार को ‘मुख्यमंत्री हरित छात्रवृत्ति कार्यक्रम’ की शुरुआत की जिसका मकसद अन्य लक्ष्यों के साथ जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता पैदा करना है। जिलों में हरित पहलों को लागू करना इसका एक अहम उद्देश्य है एवं इसके तहत 40 ‘हरित शोधार्थियों’ को कार्यक्रम के ज्ञान साझेदार और सरकारी अन्ना विश्वविद्यालय से संबद्ध ऊर्जा अध्ययन संस्थान द्वारा चुना गया है। छात्रवृत्ति पहल के तहत एक कार्यक्रम प्रमुख और उससे जुड़े चार अनुसंधान सहयोगी होंगे।
कार्यक्रम के शोधार्थी राज्य सरकार के पर्यावरण और सतत विकास लक्ष्यों और नीतियों के अनुरूप जिला प्रशासन की पर्यावरण संबंधी पहलों में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और नीतिगत मामलों में मदद करेंगे। नवनियुक्त 40 शोधार्थियों में से 38 एक-एक जिले पर ध्यान केंद्रित करेंगे और दो अन्य राज्य स्तर पर कार्य करेंगे। हरित पहल के लिए नियुक्त शोधार्थियों को 60 हजार रुपये महीने की दर से वजीफा मिलेगा और यह मियाद दो साल की होगी। कार्यक्रम की शुरुआत करने के दौरान मुख्यमंत्री स्टालिन ने शोधार्थियों से राज्य सचिवालय में मुलाकात की।
यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘ इस कार्यक्रम को युवाओं के मंच के तौर पर तैयार किया गया है जहां वे पर्यावरण संरक्षण, नवीनीकरण ऊर्जा, जैव विविधता और सतत विकास के क्षेत्र में प्रतिबद्धता से कार्य कर सकेंगे।’’ सफलतापूर्वक छात्रवृत्ति कार्यक्रम संपन्न होने के बाद हरित शोधार्थी को अन्ना विश्वविद्यालय जलवायु परिवर्तन एवं संवहनीयता में परास्नातक डिप्लोमा की उपाधि प्रदान की जाएगी।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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