तमिलनाडु राज्यगान विवाद पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से कहा: खुद को विभाजनकारी ताकतों से मुक्त करें

चेन्नई, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा है कि अगर राज्यपाल आर.एन. रवि पद पर बने रहना चाहते हैं तो उन्हें खुद को विभाजनकारी ताकतों से मुक्त कर लेना चाहिए और संवैधानिक मानदंडों के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। स्टालिन ने राज्यपाल पर द्रविड़ जाति की खराब छवि पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजभवन को किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यालय के रूप में तब्दील करने से बचा जाना चाहिए। शुक्रवार को राज्यपाल की मौजूदगी में हुए एक कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यगान की एक पंक्ति छोड़े जाने को लेकर रवि और स्टालिन के बीच तीखी बहस हुई थी। मुख्यमंत्री ने इस पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि जब राज्यपाल के सामने तमिल गान की एक पंक्ति छोड़ दी गई तो उन्होंने तुरंत इसकी निंदा क्यों नहीं की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से पूछा ‘‘आप कहते हैं कि आप ‘तमिल थाई वल्थु’ को पूरी श्रद्धा के साथ गाते हैं लेकिन जब गायकों ने द्रविड़ से संबंधित एक पंक्ति को छोड़ दिया तो आपने तुरंत इसकी निंदा क्यों नहीं की ’’ दूरदर्शन के तमिल कार्यालय में हिंदी माह के समापन पर शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में जब एक समूह ‘तमिल थाई वल्थु’ गान प्रस्तुत कर रहा था तो समूह में शामिल लोग अनजाने में इसकी एक पंक्ति गाना भूल गए थे। इस समारोह में राज्यपाल भी शामिल हुए थे। दूरदर्शन केंद्र ने हालांकि स्पष्टीकरण देते हुए माफी मांग ली थी। तमिल के राज्यगान की अनजाने में छुटी पंक्ति ‘‘थेक्कनमम अधिल सिरंथा द्रविड़ नाल थिरु नादुम’’ है जो दक्कन में द्रविड़ भूमि की महानता को संदर्भित करती है। स्टालिन ने इस मुद्दे पर राज्यपाल के जवाब पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा ‘‘आपने कहा था कि दुर्भाग्यवश एक मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर नस्लवादी टिप्पणी करना घटिया बात है लेकिन राज्यपाल महोदय तमिल हमारी जाति है हमारे जीवन का आधार है।’’ उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा ‘‘तमिलों ने ही तमिल भाषा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और इसी धरती ने प्रथम संविधान संशोधन की नींव भी रखी।’’ राज्यपाल के इस दावे पर कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तमिल को संयुक्त राष्ट्र तक ले गए तो स्टालिन ने इस मुद्दे पर सवाल किया कि मोदी सरकार ने तमिल भाषा के लिए क्या किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए लगातार भारी धनराशि उपलब्ध कराती रही है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि केंद्र गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोप रहा है। उन्होंने पूछा ‘‘यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार का तमिल के प्रति लगाव सच्चा है तो फिर सरकार को तमिल ग्रंथ तिरुक्कुरल को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने से किसने रोका हुआ है ’’ उन्होंने कहा ‘‘यदि आप (रवि) राज्यपाल के पद पर बने रहना चाहते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप खुद को विभाजनकारी ताकतों से मुक्त करें और संवैधानिक मानदंडों के अनुसार अपने कर्तव्यों को निभाएं।’’ इस बीच उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि वह इस विवाद को बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहते क्योंकि दूरदर्शन ने माफी मांग ली है। उदयनिधि से जब उनकी टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा ‘‘उन्होंने माफी मांग ली है बाकी देखते हैं।’’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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