संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को कहा कि विश्व में ताकत और सैन्य तख्तापलट के जरिए सत्ता पर कब्जा किये जाने की घटनाएं अप्रत्याशित रूप से बढ़ती दिख रही हैं।
उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक विभाजन अंतरराष्ट्रीय सहयोग में कमी ला रहे हैं, इसलिए वह वैश्विक शासन को मजबूत करने और बहुपक्षवाद में नयी जान फूंकने की अपील कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की आम बहस की शुरूआत होने पर अपने संबोधन में गुतारेस ने विश्व के नेताओं से विश्वास बहाल करने और उम्मीद की नयी किरण लाने की अपील करते हुए कहा कि सहयोग, वार्ता तथा समझदारी की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ताकत के जरिए सत्ता पर कब्जा किये जाने की घटना में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि होते भी देख रहे हैं। अंतराष्ट्रीय समुदाय के बीच एकता की कमी से इसमें मदद नहीं मिलने जा रही।’’
गुतारेस ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक विभाजन अंतराष्ट्रीय सहयोग को कमतर कर रहे हैं और आवश्यक फैसले लेने में (संयुक्त राष्ट्र) सुरक्षा परिषद की क्षमताओं को सीमित कर रहे हैं।’’
वार्षिक उच्च स्तरीय सत्र की बैठक पिछले साल महामारी के चलते ऑनलाइन माध्यम से हुई थी, लेकिन इस बार संयुक्त राष्ट्र में विश्व के नेताओं की उपस्थिति और ऑनलाइन भागीदारी का भी विकल्प दिया गया है। विश्व के 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों, विदेश मंत्रियों और राजनयिकों के यहां ऐतिहासिक महासभा भवन में उपस्थित होकर सत्र को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
उन्होंने कहा कि विश्व को रोकथाम, शांति बनाये रखने और शांति निर्माण पर जोर देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें परमाणु निरस्त्रीकरण और आतंकवाद की रोकथाम की अपनी साझा कोशिशों पर आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें मानव अधिकारों के सम्मान के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है।’’
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चिंता जताई कि आज की बहुपक्षीय प्रणाली अपनी क्षमताओं के संदर्भ में बहुत सीमित है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक शासन मजबूत करने की जरूरत है। हमें भविष्य पर ध्यान देने की जरूरत है। हमें सामाजिक अनुबंध का नवीकरण करने की जरूरत है। हमें एक नये युग के अनुकूल संयुक्त राष्ट्र सुनिश्चित करने की जरूरत है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 और जलवायु संकट ने हमारी कमजोरियों को उजागर कर दिया। अब उम्मीद की किरण जगाने की जरूरत है। हमने जो समस्याएं पैदा की हैं उनका हम हल कर सकते हैं।’’
गुतारेस ने कहा, ‘‘विश्व में अविश्वास फैल रहा है क्योंकि लोग देख रहे हैं कि मूल अधिकारों और स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाई जा रही है, भ्रष्टाचार हो रहा है,अरबपति अंतरिक्ष की सैर कर रहे हैं, जबकि लाखों लोग धरती पर भूखे पेट हैं और युवाओं को अपना कोई भविष्य नहीं नजर आ रहा है।’’
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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