दिमाग के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है। बच्चों को कितना पानी पीना चाहिए?

नॉर्मन गार्डन्स (ऑस्ट्रेलिया) ‘बैलरैट क्लेरेंडन कॉलेज’ ने पिछले महीने पांचवीं से नौवीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षा में पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाकर एक परीक्षण किया। स्कूल के अनुसार ‘‘प्रारंभिक प्रतिक्रिया’’ से संकेत मिलता है कि ऐसा करने से कक्षा के दौरान शोर कम हुआ और शौचालय जाने के लिए छात्रों के ‘ब्रेक’ लेने में कमी आई।
पानी की बोतलें अब स्कूल के लिए जरूरी मानी जाती हैं लेकिन सवाल यह है कि बच्चों को एक दिन में कितना पानी पीने की जरूरत होती है इसका उनके दिमाग पर क्या असर पड़ता है बच्चों और किशोरों को कितने तरल पदार्थ की जरूरत होती है
यह मौसम और शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करता है कि बच्चों को कितने तरल पदार्थ की जरूरत है लेकिन सामान्य तौर पर: चार से आठ साल के बच्चों को प्रतिदिन लगभग 1.2 लीटर पानी पीना चाहिए। नौ से 13 साल के लड़कों को 1.6 लीटर पानी पीना चाहिए।नौ से 13 साल की लड़कियों को 1.4 लीटर पानी पीना चाहिए।चौदह साल से अधिक उम्र के लड़कों को 1.9 लीटर पानी पीना चाहिए।चौदह साल से अधिक उम्र की लड़कियों को 1.6 लीटर पानी पीना चाहिए। आहार संबंधी ऑस्ट्रेलियाई दिशा-निर्देशों के अनुसार सादा पानी पीना बेहतर होता है लेकिन यदि आपका बच्चा पानी पीना पसंद नहीं करता है तो आप जूस की कुछ बूंदें इसमें मिला सकते है।
शोध से पता चलता है कि कई स्कूली बच्चे पर्याप्त पानी नहीं पीते। कुल 13 देशों (ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर) के 6 469 बच्चों (चार से 17 वर्ष की आयु वर्ग) को शामिल कर 2017 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 60 प्रतिशत बच्चे और 75 प्रतिशत किशोर पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन नहीं करते।
हमें कितनी बार पानी पीना चाहिए : इस बारे में कोई विशेष सलाह नहीं दी गई है कि बच्चों और किशोरों को कितनी बार पानी पीना चाहिए लेकिन शोध से मुख्य रूप से यह संदेश मिलता है कि छात्रों को सुबह उठते ही पानी पीना चाहिए। सुबह सबसे पहले पानी पीने से शरीर और मस्तिष्क पानी का समुचित उपयोग करते हैं जिससे पूरे दिन हमारा दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है।
हमारे मस्तिष्क के लिए पानी इतना महत्वपूर्ण क्यों है मस्तिष्क के कुल द्रव्यमान का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पानी है और हमारे दिमाग को काम करते रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
पानी हार्मोन के स्तर को संतुलित करने उचित रक्त प्रवाह बनाए रखने और मस्तिष्क में विटामिन खनिज एवं ऑक्सीजन पहुंचाने में मस्तिष्क की कोशिकाओं और ऊतकों की मदद करता है।
इसलिए यदि छात्रों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाया जाए तो इससे उनकी एकाग्रता बढ़ती है।
पानी पढ़ाई में कैसे मददगार है जर्मनी के पांच और छह साल के बच्चों पर 2020 में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि जिन बच्चों ने सुबह चार घंटे की अवधि में पानी की अपनी दैनिक आवश्यकता का कम से कम 50 प्रतिशत (लगभग एक लीटर) पानी पिया उनका दिमाग समग्र रूप से बेहतर कार्य करता है।
बच्चों की दिनचर्या में पानी शामिल करें :नियमित समय पर पानी पीने से बच्चों और युवाओं के लिए नियमित दिनचर्या बनाने में भी मदद मिल सकती है। नियमित दिनचर्या ध्यान भावनाओं और व्यवहार को प्रबंधित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।
ऐसा जरूरी नहीं है कि पानी पीने के लिए ‘ब्रेक’ कक्षा के दौरान ही दिया जाए (खासकर अगर स्कूल को लगता है कि इससे पढ़ाई में बाधा पैदा होती है)। बच्चों के जागने पर भोजन के समय बच्चों के स्कूल पहुंचने पर कक्षाओं की शुरुआत या समाप्ति पर और घर पहुंचने पर पानी पीना मददगार होगा।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: