दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने घोषणा की कि दिल्ली के शहरी गांवों में कृषि भूमि का उत्तराधिकार के आधार पर दाखिल-खारिज अब राजस्व अधिकारियों द्वारा किया जाएगा राज निवास अधिकारियों के एक बयान के अनुसार, दिल्ली के गांवों का लगातार दौरा करने वाले सक्सेना को हर उस गांव में यह मांग और संबंधित शिकायतें पेश की गईं, जहां वे गए थे। इसके अलावा, कई नागरिक समाज संगठनों ने भी यही मांग की है। दिल्ली के गांवों के निवासियों के साथ राज निवास में आयोजित संवाद में, जो प्राथमिक मांग उभर कर आई, वह दाखिल-खारिज की थी और दिल्ली के सभी सात सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की और इस पर एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। उपराज्यपाल ने 41 नई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी और दिल्ली ग्रामोदय अभियान (डीजीए) के तहत उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के 18 गांवों में फैली सात परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि समारोह के दौरान नमो ड्रोन दीदी योजना और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के 21 गांवों में घरेलू पीएनजी का भी उद्घाटन किया गया। भाजपा ने एलजी के फैसले का स्वागत किया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, आज माननीय और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन पर माननीय दिल्ली एलजी ने “म्यूटेशन” लागू करके ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। भारतीय जनता पार्टी कई वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लड़ती आ रही है। म्यूटेशन रुके होने के कारण हमारे ग्रामीण किसान अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर नहीं करवा पा रहे थे। जनहित में यह मांग हमारे सभी सांसदों और दिल्ली के कार्यकर्ताओं द्वारा उठाई जा रही थी जो ग्रामीण स्तर पर काम कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज माननीय प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन पर दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की अक्षमता के कारण वर्षों से रुके म्यूटेशन को फिर से लागू करने की घोषणा की है। वर्तमान में गांव में रुके हुए विकास कार्य चल रहे हैं और ग्रामीण विकास पर 962 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। और आज “म्यूटेशन” लागू करने की घोषणा ‘सोने पर सुहागा’ की तरह है। मैं गांव के सभी किसान भाई-बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।”Photo : Wikimedia