अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आप नेता आतिशी ने कहा कि केजरीवाल ने इस दर्द के साथ इस्तीफा देने का फैसला लिया कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति कभी यह न सोचे कि वे भ्रष्ट हैं।
“आज का दिन देश की राजनीति में ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। इतिहास में कभी किसी नेता ने यह नहीं कहा कि अगर मैं ईमानदार हूं तो ही मुझे वोट दो, अन्यथा मुझे वोट मत दो। अरविंद केजरीवाल साहब भ्रष्टाचार और बेईमानी बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
“मुख्यमंत्री केजरीवाल की ईमानदारी पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और उसकी जांच एजेंसियों के मुंह पर तमाचा मारा है। कोर्ट ने सीबीआई को केंद्र सरकार के पिंजरे में बंद तोता बताया है और उसके द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। अब केजरीवाल जी ने फैसला किया है कि जब तक दिल्ली की जनता उनके ईमानदारी को अपने वोटों के जरिए मंजूरी नहीं दे देती, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
आतिशी ने कहा कि हमारी मांग है कि चुनाव आयोग नवंबर में महाराष्ट्र के साथ-साथ दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव कराए, ताकि जनता केजरीवाल की ईमानदारी पर अपनी मुहर लगा सके। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी के साथ मौजूद सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी ने कहा है कि सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें जमानत देकर राहत दी है, लेकिन वे जनता की अदालत में जाकर अग्नि परीक्षा देंगे। अग्नि परीक्षा पास करने के बाद ही वे सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे। वे अकेले ऐसे सीएम हैं जो खुद लोगों से कह रहे हैं कि अगर वे ईमानदार दिखें तो ही उन्हें वोट दें। भारतीय राजनीति में यह बहुत बड़ी बात है और ऐसी नैतिकता बहुत कम देखने को मिलती है।
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