इंदौर (मध्यप्रदेश), भारत की सीमा से लगे दूसरे देशों, खासकर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिये हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को नाकाम करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अपने रंगरूटों को प्रशिक्षण के दौरान ड्रोन तकनीक के गुर भी सिखा रहा है। बीएसएफ के इंदौर स्थित सहायक प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एसटीसी के महानिरीक्षक कुलदीप कुमार गुलिया ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया,‘‘पाकिस्तान की ओर से भारतीय सरहद में नशीले पदार्थ और हथियार भेजने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सरहद से सटे पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ऐसे कई मामलों में दुश्मन की कोशिशें नाकाम करते हुए ड्रोन को मार गिराया है।’’
उन्होंने बताया कि इन मामलों को देखते हुए एसटीसी ने नयी भर्ती वाले जवानों के 42 हफ्ते के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में ड्रोन तकनीक का बुनियादी पाठ शामिल किया है।
गुलिया ने बताया, ‘‘हम जवानों को ड्रोन तकनीक का सैद्धांतिक और व्यावहारिक, दोनों तरह का बुनियादी प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि ये जवान जब सरहद पर तैनात हों, तो उन्हें ड्रोन एकदम नयी चीज न लगे और वे ड्रोन के खतरों से बेहतर तरीके से निपट सकें।’’
इंदौर का एसटीसी, बीएसएफ के शीर्ष प्रशिक्षण संस्थानों में शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि एसटीसी में बीएसएफ के रंगरूटों को कठोर अनुशासन वाली कवायद (ड्रिल), हथियारों का इस्तेमाल और रख-रखाव, मानचित्र अध्ययन और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाता है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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