10 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का कार्यभार संभाला। यह भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का लगातार तीसरा कार्यकाल है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पीएमओ को शुरू से ही सेवा की संस्था और जनता का पीएमओ बनाने का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने पीएमओ को एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया है जो नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बने।” मोदी ने कहा कि सरकार का मतलब ताकत, समर्पण और संकल्प की नई ऊर्जा है और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पीएमओ समर्पण के साथ लोगों की सेवा करने के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह अकेले मोदी नहीं हैं जो सरकार चलाते हैं बल्कि हजारों दिमाग एक साथ मिलकर जिम्मेदारी उठाते हैं और परिणामस्वरूप, यह नागरिक होते हैं जो इसकी क्षमताओं की भव्यता के साक्षी बनते हैं। मोदी ने रेखांकित किया कि उनकी टीम से जुड़े लोगों के पास समय की कोई बाध्यता नहीं है, सोचने की कोई सीमा नहीं है या प्रयास के लिए कोई निर्धारित मानदंड नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, “पूरे देश को इस टीम पर भरोसा है।” मोदी ने कहा, “हमारी टीम के लिए समय की कोई बाध्यता नहीं है, सोचने की कोई सीमा नहीं है और प्रयास के लिए कोई निर्धारित मानक नहीं है।” मोदी ने कहा, “मैं उन सभी लोगों को आमंत्रित करता हूं जो विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए खुद को समर्पित करने के लिए तैयार हैं।” प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के उन कर्मचारियों को श्रेय दिया जिन्होंने खुद को एक विजन के लिए समर्पित किया और कहा कि वे सरकार की उपलब्धियों में एक बड़ी हिस्सेदारी के हकदार हैं। पीएम मोदी ने कहा, “इन चुनावों ने सरकारी कर्मचारियों के प्रयासों पर मुहर लगाई है।” उन्होंने टीम को नए विचार विकसित करने और किए जा रहे काम के पैमाने को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने अपनी ऊर्जा के रहस्य पर प्रकाश डालते हुए संबोधन का समापन किया और कहा कि एक सफल व्यक्ति वह होता है जो अपने भीतर के छात्र को जीवित रखता है। https://x.com/narendramodi/status/1800087673396248742/photo/1