वाशिंगटन, दक्षिण कैरोलाइना की दो बार की पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली इकलौती उम्मीदवार हैं जिन्हें रिपब्लिकन सिद्धांतों तथा विचारधारा से कोई समझौता किए बगैर डेमोक्रेट्स के एक बड़े वर्ग का भी समर्थन मिल रहा है। उनके प्रमुख भारतीय-अमेरिकी मित्रों तथा उनके राष्ट्रपति अभियान के लिए चंदा देने वाले लोगों का ऐसा मानना है।
हेली (51) रिपब्लिकन पार्टी की राष्ट्रपति पद की इकलौती संभावित महिला उम्मीदवार हैं जिन्होंने 23 अगस्त को विस्कॉन्सिन में होने वाली पार्टी की 2024 की पहली प्राइमरी बहस में शामिल होने की अर्हता प्राप्त कर ली है। बुधवार को होने वाली बहस इस लिहाज से भी अलग होगी कि पहली बार भारतीय मूल के दो अमेरिकी – निक्की हेली तथा विवेक रामस्वामी किसी भी राजनीतिक दल की ओर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए प्राइमरी बहस में शामिल होंगे। इस बहस का प्रसारण फॉक्स न्यूज पर किया जाएगा तथा रिपब्लिकन पार्टी की ओर से इसमें भाग लेने वाले अन्य संभावित उम्मीदवारों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्लोरिडा के गवर्नर आर डीसैंटिस, पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस, दक्षिण कैरोलाइना के सीनेटर टिम स्कॉट, अरकंसास के पूर्व गवर्नर एशा हचिंसन तथा न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी शामिल हैं।
ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की कि वह बहस में भाग नहीं लेंगे। सभी राष्ट्रीय चुनाव सर्वेक्षणों पर नजर रखने वाले ‘रियल क्लियर पॉलिटिक्स’ के अनुसार, हेली अभी राष्ट्रीय चुनावों के औसत में 3.3 फीसदी के साथ पांचवें स्थान पर हैं। सबसे आगे ट्रंप (55.5 प्रतिशत) है। उसके बाद डीसैंटिस (14.5 प्रतिशत), रामास्वामी (7.9 प्रतिशत) और पेंस (5.2 प्रतिशत) हैं। पिछले कुछ दिनों में लगातार दिए साक्षात्कार में हेली के भारतीय-अमेरिकी मित्रों और प्रमुख चंदादाताओं ने कहा कि वह अत्यधिक ध्रुवीकृत देश में शांति लेकर आयीं और वह इकलौती उम्मीदवार हैं जिन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के सिद्धांतों और विचारधारा से समझौता किए बगैर डेमोक्रेट्स के एक बड़े वर्ग का समर्थन हासिल किया है। हेली की मित्र भावना वासुदेव ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम तैयार हैं। यह पहली बार नहीं है जब वह दौड़ में शामिल हैं। जब वह दक्षिण कैरोलाइना के गवर्नर पद का चुनाव लड़ रही थीं, हम सभी तब भी उनके साथ थे। निक्की कौन है? वह क्यों चुनाव लड़ रही हैं? हम सभी को यह मालूम हैं कि वह इसलिए लड़ रही हैं क्योंकि वह परवाह करती हैं। उनमें जुनून हैं, उनमें देश के लिए गर्व है और उनमें सेवा भाव है…वह वाशिंगटन डीसी के राजनीतिक दलदल में नहीं फंसी हैं।’’
हेली के लिए निधि जुटाने वाले प्रमुख लोगों में से एक ह्यूस्टन के जितेन अग्रवाल ने कहा कि उनका अभियान काफी अच्छा चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उनका उदार रूढ़िवादी रुख है जो कई भारतीय-अमेरिकियों के साथ मेल खाता है। यह अच्छी बात है। लेकिन मुझे लगता है कि यह पहली बहस है…जो मेरी राय में एक अहम मोड़ होगी। इसके बाद मैं कई और भारतीय-अमेरिकी लोगों का समर्थन जुटाने में कामयाब हो पाऊंगा।’’
‘नेक्स्ट’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और टेक्सास से प्रमुख भारतीय-अमेरिकी चंदादाता अरुण अग्रवाल ने कहा, ‘‘उन्हें न केवल रिपब्लिकन बल्कि उन महिलाओं का भी समर्थन मिलेगा जो अभी राजनीति से पूरी तरह असंतुष्ट हैं। गर्भपात पर वह कोई राय बना सकती हैं।’’एक सवाल के जवाब में अग्रवाल ने कहा कि हेली को विवेक रामस्वामी के मुकाबले अधिक भारतीय-अमेरिकियों का समर्थन मिल रहा है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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