निर्मला सीतारमण: मोदी सरकार की जोरदार पैरवी करने से वित्त मंत्री बनने तक

नयी दिल्ली , वित्त मंत्री के रूप में पूर्ण कार्यकाल पूरा करके अरुण जेटली और मनमोहन सिंह की श्रेणी में शामिल हुईं निर्मला सीतारमण को दूसरी पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है।

             सीतारमण ने मोदी सरकार में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए मंत्री के रूप में शपथ लेने वाली पहली महिला बनकर एक रिकॉर्ड बनाया। साल 2014 में जब नरेन्द्र मोदी राजग सरकार के प्रधानमंत्री बने तो भाजपा की एक प्रखर प्रवक्ता होने के नाते उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

            मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की प्रबल समर्थक और क्रियान्वयनकर्ता के रूप में उन्होंने 2017 में पहली महिला रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त होकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले  वह उद्योग और वाणिज्य मंत्री थीं।

            वह स्वतंत्र भारत में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं। इससे पहले  इंदिरा गांधी ने भारत की प्रधानमंत्री रहते हुए थोड़े समय के लिए अतिरिक्त विभाग के रूप में वित्त का कार्यभार संभाला था।

            भारत ने उनकी अगुवाई में गरीबों के लिए घोषित नीतिगत उपायों की एक श्रृंखला के साथ कोविड-19 महामारी का सामना किया और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था में एक  उज्ज्वल स्थान  का अपना टैग जारी रखा। महामारी के दौरान कठिनाई को दूर करने के लिए  सरकार ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने लगातार छठा बजट पेश करके एक रिकार्ड भी बनाया। इनमें पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट है। यह उपलब्धि अब तक केवल पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने ही हासिल की थी।

            सीतारमण ने बजट पेश करते समय पारंपरिक ब्रीफकेस को हटा दिया और इसके स्थान पर भाषण और अन्य दस्तावेजों को ले जाने के लिए राष्ट्रीय प्रतीक के साथ बही-खाता का सहारा लिया।

            सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को मदुरै में रेलवे में कार्यरत नारायण सीतारमण और सावित्री के घर हुआ था। सीतारमण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और एम.फिल करने के लिए दिल्ली चली आयीं। राजनीति में आने से पहले सीतारमण ब्रिटेन में कॉरपोरेट जगत का हिस्सा थीं  जहां वह अपने पति परकला प्रभाकर के साथ रह रही थीं। दोनों की मुलाकात जेएनयू में पढ़ाई के दौरान हुई थी और 1986 में दोनों ने शादी कर ली। उनकी एक बेटी परकला वांगमयी है। सीतारमण का राजनीतिक जीवन 2008 में शुरू हुआ जब वह भाजपा में शामिल हुईं और दो साल में सुषमा स्वराज के बाद पार्टी की दूसरी महिला प्रवक्ता बन गईं।

भाषाक्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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