निशानेबाजी और तीरंदाजी चैम्पियनशिप के आयोजन को आईओए से मंजूरी मिलना बाकी

नयी दिल्ली,भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अभी तक 2022 राष्ट्रमंडल निशानेबाजी और तीरंदाजी चैम्पियनशिप की मेजबानी की पुष्टि नहीं की है, जिससे इनका संचालन करना ‘वास्तव में कठिन’ हो सकता है।

आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि कोविड-19 के कारण स्थिति की गंभीरता और अरबों लोगों के टीकाकरण के लंबित होने को देखते हुए, चंडीगढ़ में इन दोनों टूर्नामेंट की सात महीने बाद मेजबानी करना वास्तव में मुश्किल होगा।।

मेहता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ चैंपियनशिप को औपचारिक रूप से मंजूरी देने और उसके अनुसार योजना बनाने के लिए हमें कार्यकारी समिति या ‘जनरल हाउस’ की एक बैठक की जरूरत है। महामारी के कारण हम शारीरिक मौजूदगी के साथ बैठक नहीं कर पा रहे है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आयोजन स्थल के संबंध में भी बात करें तो कुछ तीरंदाजी संघ इसे चंडीगढ़ के बजाय दिल्ली में आयोजित करना चाहते हैं। इसलिए, कुछ भी तय नहीं किया गया है और महामारी ने हमारे लिए वास्तव में स्थिति को कठिन बना दिया है।’’

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने पिछले साल फरवरी में बर्मिंघम खेलों के बहिष्कार की भारत की धमकी के बाद राष्ट्रमंडल खेलों के समापन के एक सप्ताह बाद इन दोनों स्पर्धाओं के पदकों को अंतिम तालिका में जोड़ने पर सहमति व्यक्त की थी।

मेहता ने कहा, ‘‘ आईओए के सदस्यों को अगले साल जनवरी में इन दोनों खेलों की मेजबानी की व्यवहार्यता पर चर्चा करने की आवश्यकता होगी और कोई नहीं जानता कि यह महामारी कब खत्म होगी। अगले सात महीने में कितने भारतीयों को टीका लगेगा इसके बारे में मुझे नहीं पता। अगर महामारी की यही स्थिति रही तो कितने देश अपने खिलाड़ियों को भारत भेजेंगे? राष्ट्रमंडल परिवार में 72 देश है और दो बड़ी प्रतियोगिताओ की मेजबानी आसान नहीं।’’

इस मामले में संपर्क किये जाने पर सीजीएफ ने कहा, ‘‘ अंततः, यह आईओए और भारत में संबंधित अधिकारियों को निर्णय होगा कि क्या यह आयोजन सुरक्षित रूप से हो सकता है।’’

निशानेबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन का खर्च भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) को उठाना है जबकि तीरंदाजी के खर्च का वहन भारत सरकार को करना है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Flickr

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