नयी दिल्ली, भारतीय स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक जीतकर अपनी ट्राफी की अलमारी में इस खिताब की कमी भी पूरी कर दी लेकिन उनके ज्यादातर हमवतन खिलाड़ी एक बार फिर विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये। भारतीय एथलीट ने अभी तक विश्व चैम्पियनशिप में कुल तीन पदक जीते हैं जिसमें चोपड़ा के नाम दो पदक (एक रजत और एक स्वर्ण) हैं। लंबी कूद की महान एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 के चरण में कांस्य पदक जीता था। रविवार की रात चोपड़ा ने 88.17 मीटर भाला फेंककर फिर इतिहास रच दिया, वह विश्व चैम्पियनशिप में पीला पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। बुडापेस्ट से भारतीय दल केवल पुरुष भाला फेंक स्पर्धा का स्वर्ण पदक लेकर ही लौटेगा। चार स्पर्धाओं के फाइनल्स में पहुंचने के बावजूद चोपड़ा के अलावा कोई भी भारतीय पदक का गंभीर दावेदार नहीं था। पिछले चरण में छह भारतीयों ने फाइनल्स में प्रवेश किया था और इस बार भी फाइनल्स में पहुंचे भारतीयों की संख्या में ज्यादा बदलाव नहीं था। फाइनल्स में भाला फेंक एथलीट चोपड़ा, डीपी मनु और किशोर जेना के अलावा 3000 मीटर स्टीपलचेस एथलीट पारुल चौधरी, लंबी कूद के एथलीट जेस्विन एल्ड्रिन और पुरुष रिले टीम पहुंची थी। लेकिन भारतीयों के हाथ निराशा ही लगी। लंबी कूद स्पर्धा से काफी उम्मीदें थीं। एल्ड्रिन और मुरली श्रीशंकर सत्र के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी के रूप में विश्व चैम्पियनशिप में पहुंचे थे। पर एल्ड्रिन 11वें स्थान पर रहे जबकि श्रीशंकर फाइनल्स तक भी नहीं पहुंच सके। इसी तरह 3000 मीटर स्टीपलचेस एथलीट अविनाश साबले से चोपड़ा के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन यह राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी हीट में ही बाहर हो गया। चोपड़ा ने कहा, ‘‘पिछली बार का प्रदर्शन अच्छा था। अगर आप पिछले साल की तुलना इस बार से करो तो एथलीट अलग थे। हमने चार गुणा 400 मीटर में काफी अच्छा किया और एशियाई रिकॉर्ड बनाया। इस बार नये खिलाड़ी आये और उनसे उम्मीदें थीं हम ओलंपिक के लिए अच्छी तैयारी करेंगे। ’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि जो खिलाड़ी इस बार अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं कर पाये, वे कैसा महसूस कर रहे होंगे। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ तैयारी की लेकिन मैं उन्हें कहना चाहूंगा कि निराश मत हो क्योंकि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। सिर्फ उन्हें अपनी गलती ढूंढनी होगी और फिर दोबारा इसे नहीं दोहराना होगा। ’’पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा, तीन भाला फेंक एथलीट शीर्ष छह में रहे और पारुल चौधरी ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। विश्व चैम्पियनशिप में निराशाजनक प्रदर्शन में सिर्फ ये ही प्रदर्शन अच्छे रहें। मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल वारियाथोडी और राजेश रमेश की चौकड़ी ने दो मिनट 59 .05 सेकंड के समय से एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहली बार विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। लेकिन रविवार देर रात खेले गए फाइनल में दो मिनट 59 . 92 सेकंड के समय से पांचवें स्थान पर रही । इससे कुछ देर पहले पारूल चौधरी ने नौ मिनट 15 . 31 सेकंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया लेकिन महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस में 11वें स्थान पर रही । इससे पहले रिकॉर्ड ललिता बाबर (9 :19.76) के नाम था जो 2015 विश्व चैम्पियनशिप में आठवें स्थान पर रही थी । किशोर जेना रविवार की देर रात हुए फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 84 . 77 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका । वहीं डी पी मनु छठे स्थान पर रहे जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 84 . 14 मीटर का था ।
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