नेताओं को शासन और नेतृत्व पर ध्यान देने की जरूरत : गार्सेटी

वाशिंगटन, दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रित देश अमेरिका और भारत में अगले वर्ष चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में राजनेता से राजनयिक बने एरिक गार्सेटी का मानना है कि नेताओं को नेतृत्व और शासन पर ध्यान देने की जरूरत है, तभी चुनाव उनके हक में होगा। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे चुनाव पसंद हैं। ऐसा शायद इसीलिए है, क्योंकि मैं कई चुनावों का हिस्सा रहा हूं। चुनाव वह क्षण है, जिसमें जनता को उम्मीदवारों की बातें सुनकर अपने हित में निर्णय लेने का मौका मिलता है।’’

             गार्सेटी जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा से पहले जो बाइडन प्रशासन के अधिकारियों से विचार-विमर्श के लिए अभी अमेरिका में हैं। भारत और अमेरिका दोनों देशों में चुनाव होने वाले हैं। भारत में जहां संसदीय चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में प्रस्तावित हैं। वहीं, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अगले साल जनवरी में होने हैं।

             गार्सेटी सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के उभरते सितारे माने जाते हैं। वह 2013 में लॉस एंजिलिस के मेयर निर्वाचित हुए थे और 2017 में फिर से इसी पद के लिए चुने गए थे। भारत में अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के तौर पर नियुक्त किए जाने के महज साढ़े तीन महीने के भीतर उन्होंने भारत में कई राज्यों का दौरा किया। उनके ट्विटर अकाउंट से पता चलता है कि वह भारत की विविध संस्कृति और व्यंजन को कितना पसंद करते हैं। गार्सेटी ने कहा, ‘‘भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता मुझे पसंद है। लोकतंत्र की राह मुश्किल है। वे हमेशा दोषमुक्त नहीं होते, लेकिन लोकतंत्र के लिए हमें लड़ाई जारी रखनी चाहिए। किसी भी नेता को मेरी यही सलाह है कि राजनेता नहीं, बल्कि नेता बनें। शासन और चुनाव अपने आप आपके हक में होगा।’’ एक सवाल के जवाब में गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकियों को भारत के बारे में बेहतर समझ होने लगी है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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