पाकिस्तान में एक निष्पक्ष दृष्टिकोण उभर रहा है: भारत

 नयी दिल्ली  पाकिस्तान के लाहौर समझौते का उल्लंघन करने संबंधी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद भारत ने कहा कि पड़ोसी देश में इस मुद्दे पर एक निष्पक्ष दृष्टिकोण उभर रहा है।

             शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने उनके और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच 1999 में भारत के साथ हुए समझौते का “उल्लंघन” किया है। उनका इशारा जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा करगिल पर किए गए हमले की ओर था।

             विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा  “आप इस मुद्दे पर हमारी स्थिति से अवगत हैं। मुझे इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं है। हम देखते हैं कि इस मामले पर पाकिस्तान में भी एक निष्पक्ष दृष्टिकोण उभर रहा है।”

             वह अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में इस मामले पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। लाहौर में ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद  भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी और शरीफ ने 21 फरवरी  1999 को लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे।

             दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति और स्थिरता के दृष्टिकोण पर बात करने वाला यह समझौता एक सफलता का संकेत है। कुछ महीने बाद  हालांकि जम्मू कश्मीर के करगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण भीषण संघर्ष हुआ।

             शरीफ ने पीएमएल-एन की आम परिषद की बैठक में कहा  “28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए। उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ समझौता किया। लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया… यह हमारी गलती थी।”

             इस आम परिषद की बैठक में उन्हें पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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