नयी दिल्ली सेमीकंडक्टर सौर मॉड्यूल और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में बड़ी परियोजनाएं शुरू होने की उम्मीदों के बीच उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से अगले चार साल में तीन से चार लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और दो लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह अनुमान जताया है।
इक्रा के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य रेटिंग अधिकारी के रविचंद्रन ने कहा कि इसके अलावा तेल एवं गैस धातु एवं खनन अस्पताल स्वास्थ्य सेवा और सीमेंट क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। हालांकि निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय को रिकॉर्ड उच्चस्तर पर ले जाने के लिए सरकार को कुछ कर छूट देनी होगी ताकि लोगों के पास अधिक खर्च योग्य आय हो।
रविचंद्रन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा ‘‘पीएलआई योजना के तहत हम अगले तीन-चार वर्षों में तीन से चार लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर सौर मॉड्यूल और फार्मास्युटिकल मध्यवर्ती कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां बड़ी परियोजनाएं होने की उम्मीद है जो पूंजी और रोजगार कारक हो सकती हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों में दो लाख नौकरियां पैदा करेंगे।’’
पीएलआई योजना की घोषणा 2021 में 14 क्षेत्रों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ की गई थी। इन क्षेत्रों में दूरसंचार बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद वस्त्र चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण वाहन क्षेत्र विशेष इस्पात खाद्य उत्पाद उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल उन्नत रसायन सेल बैटरी ड्रोन और फार्मा आदि हैं।
पीएलआई योजनाओं में नवंबर 2023 तक 1.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश और 6.78 लाख से अधिक रोजगार सृजन हुआ है।
निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय के बारे में रविचंद्रन ने कहा कि तेल और गैस धातु और खनन अस्पताल स्वास्थ्य सेवा और सीमेंट में निजी पूंजीगत व्यय में वृद्धि की उम्मीद है। ये वे क्षेत्र हैं जिनमें मध्यम अवधि में बड़े व्यय की उम्मीद है। हालांकि पिछले वर्षों के विपरीत इस बार पूंजीगत व्यय हरित ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर अधिक है। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया