जोहानिसबर्ग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश पर ‘‘अवैध प्रतिबंधों’’ को लेकर दक्षिण अफ्रीका में एक आर्थिक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दिन पश्चिमी देशों पर निशाना साधा और यूक्रेन के अनाज निर्यात को स्थायी रूप से बंद करने की चेतावनी दी। सम्मेलन के दौरान पुतिन का पहले से रिकॉर्डे भाषण बड़े स्क्रीन पर प्रसारित किया गया। यूक्रेन में युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है जिसके चलते वह ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन के लिए जोहानिसबर्ग नहीं आए हैं। पहले से रिकॉर्ड किया गया 17 मिनट का पुतिन का भाषण यूक्रेन में युद्ध और पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंधों पर केंद्रित था। हालांकि दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों ने कहा था कि पूर्व-पश्चिम का टकराव कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार प्रत्यक्ष तरीके से आयोजित हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर हावी नहीं होना चाहिए। पुतिन ने कहा कि दुनिया की खाद्य आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण यूक्रेनी अनाज लदान की सुविधा को लेकर युद्धकालीन समझौता तब तक फिर से शुरू नहीं होगा जब तक कि उनकी शर्तें- रूसी खाद्य और कृषि उत्पादों पर प्रतिबंधों में ढील- पूरी नहीं हो जातीं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में सेना भेजने को लेकर रूस को दंडित करने और आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के पश्चिमी देशों के प्रयास मुक्त व्यापार के सभी बुनियादी मानदंडों और नियमों को रौंदने के बराबर हैं। रूस ने जुलाई में काला सागर से अनाज आपूर्ति की पहल से हाथ खींच लिया था और दक्षिणी यूक्रेन के ओडेसा शहर पर ड्रोन और मिसाइल हमले तेज कर दिए, जो समझौते में शामिल बंदरगाहों में से एक का ठिकाना है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने सीधे तौर पर रूसी कृषि निर्यात को लक्षित नहीं किया है, लेकिन कुछ प्रतिबंधों के कारण अंतरराष्ट्रीय वित्तीय भुगतान प्रणालियों तक रूस की पहुंच को प्रतिबंधित करने के कदमों ने देश के लिए भोजन, उर्वरक और अन्य उत्पादों का बाजार में पहुंचना मुश्किल बना दिया है। पुतिन ने कहा, ‘‘इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए 18 जुलाई से हमने तथाकथित समझौते को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया।’’ रूस के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम इस (समझौते) पर वापस आने के लिए तैयार होंगे, लेकिन तभी जब रूसी पक्ष के प्रति सभी दायित्व वास्तव में पूरे होंगे।’’ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी जोहानिसबर्ग शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। पुतिन के संबोधन के कुछ मिनट बाद चिनफिंग ने कहा कि ‘‘कुछ देश, अपना दबदबा बनाए रखने के जुनून में उभरते बाजारों और विकासशील देशों को पंगु बनाने का रास्ता अपना रहे हैं।’’ चीनी वाणिज्य मंत्री वांग वेन्ताओ ने चिनफिंग का भाषण देते हुए कहा, ‘‘जो कोई भी तेजी से विकास कर रहा है वह उसके प्रतिबंध का लक्ष्य बन जाता है। जो कोई भी आगे बढ़ रहा है, वह रुकावटों का निशाना बन जाता है।’’ चिनफिंग के भाषण में परोक्ष रूप से अमेरिका का संदर्भ दिया गया। शी चिनफिंग शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे हैं और उन्होंने मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात की। वह उद्घाटन दिवस के बिजनेस फोरम में शामिल नहीं हुए, जहां ब्रिक्स देशों के अन्य तीन नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से अपना संबोधन दिया और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। चीनी नेता की अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और रामफोसा के उपनगरीय जोहानिसबर्ग में एक ‘लक्जरी एस्टेट’ में रात्रिभोज पर मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि पुतिन के भी डिजिटल माध्यम से शामिल होने की संभावना है। उम्मीद है कि ब्रिक्स के नेता तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के शीर्ष एजेंडा समूह के संभावित विस्तार पर चर्चा करेंगे। वे बुधवार को शिखर वार्ता के मुख्य दिन के लिए फिर से एकत्र होने वाले हैं। पांच ब्रिक्स देशों में दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी रहती है और यह समूह वैश्विक आर्थिक उत्पादन के 30 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार है। दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के अनुसार 20 से अधिक देशों ने समूह में शामिल होने के लिए आवेदन किया है, जिसमें सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान और ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने की योजना है। समूह में किसी भी देश को शामिल करने से पहले पांच मौजूदा सदस्य देशों को नए सदस्यों के लिए मानदंडों पर सहमत होना होगा, लेकिन पश्चिमी देशों के साथ बिगड़ते संबंधों के बीच ब्रिक्स के विस्तार को चीन और रूस द्वारा समर्थित नीति के रूप में देखा जाता है। ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने 2009 में इस समूह का गठन किया था। दक्षिण अफ्रीका को 2010 में इसमें शामिल किया गया था। वांग ने शी चिनफिंग का भाषण देते हुए कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि 20 से अधिक देश ब्रिक्स का दरवाजा खटखटा रहे हैं। चीन को ब्रिक्स सहयोग तंत्र में और अधिक देशों के शामिल होने की उम्मीद है।’’ रामफोसा के अनुसार, कुल मिलाकर, पांच ब्रिक्स देशों और दर्जनों अन्य विकासशील देशों के लगभग 1,200 प्रतिनिधि सम्मेलन के लिए आए हुए हैं और 40 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों के कुछ शिखर बैठकों में भाग लेने की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के भी शामिल होने की उम्मीद है।
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