नयी दिल्ली, मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा है कि कंपनी एक ऐसी नीतिगत रूपरेखा का इंतजार कर रही है जो सभी स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे जिससे पेट्रोल और डीजल कारों के स्थान पर ऐसी पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने वाले वाहन आ जाएं।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी की सालाना रिपोर्ट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा कि औद्योगिक वृद्धि के लिए नीतियों में स्थिरता और पूर्वानुमानित कार्य वातावरण की आवश्यकता होती है।
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण राजकोषीय विवेक बनाए रखने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने विनिर्माण को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने वाले सुधारों को लागू करने और निजी क्षेत्र पर भरोसा करने पर अपना जोर जारी रखेगी।
भार्गव ने रिपोर्ट में कहा “कुछ लोगों का मानना है कि आपकी कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में धीमी रही है। हमने राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अधिक विविध दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया और अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहते थे।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने भी स्वीकार किया है कि भारत में विभिन्न प्रौद्योगिकियों के उपयोग की आवश्यकता है।
भार्गव ने कहा “उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने इस दिशा में पहले ही कदम उठा लिए हैं। अब हम एक ऐसे नीतिगत ढांचे का इंतजार कर रहे हैं जो उन सभी तकनीकों को बढ़ावा देगा जिनके परिणामस्वरूप पेट्रोल और डीजल कारों को अन्य तकनीकों का उपयोग करने वाली कारों द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सके।”
भार्गव ने इस बात पर जोर दिया कि कार उद्योग का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्देश्य कार्बन और ग्रीनहाउस उत्सर्जन तथा आयातित ईंधन पर निर्भरता को कम करना है।
इसके अनुरूप मारुति सुजुकी ने निर्णय लिया है कि भारत में आर्थिक और सामाजिक परिवेश तथा संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सर्वोत्तम रणनीति यह होगी कि ग्राहकों को विभिन्न प्रौद्योगिकियों वाली तथा विभिन्न मूल्य स्तरों पर कारें उपलब्ध कराई जाएं।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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