नयी दिल्ली इस साल के कान फिल्म महोत्सव में “ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट” के प्रीमियर पर रेड कार्पेट पर नृत्य करती फिल्म की टीम की तस्वीरों की खूब चर्चा हो रही है। तीस साल में प्रतिस्पर्धी चरण में जगह बनाने वाली किसी भारतीय निर्देशक की पहली फिल्म “ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट” में अभिनय करने वाली अभिनेत्री छाया कदम ने कहा कि यह संकेत था कि फिल्म कुछ बड़ा हासिल करने वाली है।
और ऐसा ही हुआ भी। दो नर्सों के जीवन पर आधारित पायल कपाड़िया की इस फिल्म को कान फिल्म महोत्सव के दूसरे सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रां प्री से नवाजा गया। कदम ने कान से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा “मैं बहुत खुश हूं और अपनी खुशी बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।”
रेड कार्पेट का वह क्षण उनकी स्मृति और भारतीय सिनेमा के इतिहास में जगह बना चुका है।
कनी कुसरुति और दिव्या प्रभा के साथ फिल्म में अभिनय करने वाली कदम को याद नहीं है कि सबसे पहले नृत्य करना किसने शुरू किया था। उन्होंने कहा “मुझे पक्का नहीं पता कि किसने शुरुआत की थी लेकिन शायद मैंने ही शुरू किया था।” उन्होंने कहा “किसी ने मुंबई से फोन किया और मजाकिया अंदाज में कहा कि आप तो ऐसे नाच रही थीं जैसे आप अपने आंगन में हों। तो मैंने कहा क्यों नहीं। 30 साल में पहली बार मुख्य प्रतिस्पर्धा का हिस्सा बनना बड़ी उपलब्धि है। किसी की क्या परवाह करनी हम अपनी खुशी ऐसे ही दिखाते हैं कूद कूदकर।” उन्होंने कहा “जब हम तस्वीरें खिंचवाने के लिए खड़े हुए तो फोटोग्राफर भी हमसे डांस करते रहने की गुजारिश करने लगा। चारों ओर बस खुशियां ही खुशियां थीं।”
लापता लेडीज और मडगांव एक्सप्रेस जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं से ख्याति प्राप्त करने वालीं कदम ने कहा कि ऑल वी इमेजिन… में काम करने से उन्हें नियमों को तोड़ने के महत्व का एहसास हुआ। उन्होंने कहा “मुझे लगता है कि हमें नियम तोड़ना चाहिए और अपने नियम खुद बनाने चाहिए। इस फिल्म ने मुझे यही सिखाया है और यह कितनी अद्भुत फिल्म है! मैंने भी इसे पहली बार कान प्रीमियर में देखा। यह हमारी धरती हमारी मिट्टी की कहानी है। हमें ऐसी और फिल्में बनानी चाहिए।”
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common