तोक्यो, अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद पहली बार दो अमेरिकी मंत्री जापान की यात्रा पर अपने जापानी समकक्षों से आमने-सामने की वार्ता के लिए आ रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान वार्ता के केंद्र में चीन की क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव से जुड़ी चिंताए होंगी।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अपने जापानी समकक्षों और शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए तोक्यो रवाना हो चुके हैं। माना जा रहा है कि पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तुनकमिजाजी भरे व्यवहार के मद्देनजर वे क्षेत्र और अपने गठबंधन की अमेरिकी प्रतिबद्धताओं को दोहराएंगे।
दोनों अमेरिकी मंत्री ‘टू प्लस टू’ वार्ता के तहत मंगलवार को जापान के विदेशमंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और रक्षामंत्री लोबुओ किशी के साथ राजनयिक और सुरक्षा वार्ता करेंगे।
वाशिंगटन पोस्ट में सोमवार को प्रकाशित लेख में ब्लिंकन और ऑस्टिन ने कहा, ‘‘अमेरिका अपने मित्रों और साझेदारों के साथ संबंधों में नई जान फूंकने के लिए बड़ी पहल कर रहा है। यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ संबंध दोनों में हो रहा है। हम अपने साझा लक्ष्यों, मूल्यों और जिम्मेदारियों को लेकर प्रतिबद्धताओं को दोहराते हैं।’’
दोनों मंत्रियों ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला रखने के अमेरिका और अन्य के साझा मूल्य एवं सिद्धांत होने के बावजूद ‘‘चीन बलपूर्वक इस इलाके पर अपना प्रभाव बनाने की इच्छा रखता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक बार फिर देखेंगे कि हमारे साझेदारों के साथ काम करना कितना महत्वपूर्ण है।’’
ब्लिंकन और ऑस्टिन ने लिखा कि अमेरिकी सैन्य ताकत को बरकरार रखते हुए अमेरिका कूटनीति के साथ आगे बढ़ेगा और अपने साझेदारों के साथ नयी शुरुआत करेगा व सुनिश्चित करेगा कि हमारे समय के खतरे एवं अवसरों के लिए ये उपयुक्त हो।’’
उन्होंने कहा कि वे मिलकर चीन को उसके मानवाधिकार उल्लंघन, शिनजियांग, तिब्बत के साथ-साथ हांगकांग एवं ताइवान और अन्य समस्याओं के लिए जवाबदेह बना सकेंगे।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया