बिहार सरकार ने रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए कहा

पटना, बिहार सरकार ने जिलाधिकारियों को राज्य में अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया है। खान एवं भूविज्ञान विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) परमार रवि मनुभाई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके विभाग ने जिला खनन अधिकारियों को उन पंजीकृत ईंट भट्ठा मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया है, जिन्होंने वर्षों से सरकार को बकाया राशि और रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अवैध रेत खनन में शामिल माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। भोजपुर में सुरौंधांड के पास सोन नदी के तट पर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने छापेमारी की। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे शुरू हुई यह छोमारी बुधवार सुबह छह बजे तक चली। छापेमारी में नौ पोकलेन मशीनें जब्त की गईं और इन मशीनों के मालिकों पर 6.30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। भोजपुर के जिलाधिकारी राज कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”जिले में इस वित्तीय वर्ष में 14 अगस्त तक रेत के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण से करीब 18 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस वित्तीय वर्ष में अब तक 755 छापे मारे गए हैं, 158 प्राथमिकी दर्ज की गई और जिले में 6.55 लाख घन फुट रेत जब्त की गई है। 70 रेत तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और अवैध खनन और परिवहन में लगे 865 वाहन जब्त किए गए हैं।’’ मनुभाई ने कहा कि प्रत्येक जिले में एक कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन किया गया है और विभाग ने नदी में गश्त के लिए नौकाओं की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में अवैध खनन को लेकर भारी जुर्माना भी वूसला है, वर्ष 2022-23 में 299 करोड़ रुपये का जुर्माना वूसल किया गया। मनुभाई ने कहा कि विभाग ने राज्य में अवैध रेत खनन, खनिजों के दोहन और परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए खुद का पुलिस बल गठित करने का निर्णय लिया है। विभाग ने जिला खनन अधिकारियों को उन पंजीकृत ईंट भट्ठा मालिकों के के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया है, जिन्होंने सरकार को बकाया राशि और रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया है। एसीएस ने कहा, ‘‘सरकार को रॉयल्टी का भुगतान नहीं करने वाले ईंट भट्ठा मालिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को उन ईंट भट्ठों को बंद करने का नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है जिन्होंने अब तक बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) से इन इकाइयों के संचालन के लिए अनुमति नहीं ली है।“

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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