दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सरप्लस बजट के दावों के बावजूद, शहर अब वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपने पहले घाटे वाले बजट का सामना कर रहा है। सचदेवा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1994-95 में मदन लाल खुराना के नेतृत्व वाली भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, दिल्ली का पहला सरप्लस बजट था, एक विरासत जो 2022-23 तक जारी रही। अरविंद केजरीवाल के बड़े और झूठे दावों के बीच, हम दिल्लीवासी एक और दावा सुन रहे हैं कि उनकी सरकार का बजट ‘सरप्लस बजट’ है; इस बयान की आड़ में, वह नए आर्थिक संसाधनों का विकास किए बिना नई योजनाएं लाते रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के दस साल के आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा है कि 2024-25 का बजट दिल्ली के इतिहास का पहला घाटे वाला बजट बन गया है। 1994-95 में भाजपा की श्री मदनलाल खुराना सरकार ने पहला सरप्लस बजट पेश किया था, और उस मजबूत नींव पर 2022-23 तक की सभी सरकारों ने सरप्लस बजट पेश किया, लेकिन आज उसी दिल्ली में भ्रष्ट आप वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “सरकार के पास चल रही योजनाओं को पूरा करने के लिए भी पैसे नहीं हैं। वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो गई है कि संभवत: दिसंबर 2024 से दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएगी। केजरीवाल सरकार के बजट के घाटे में जाने का मुख्य कारण वित्तीय संसाधन जुटाए बिना योजनाओं को लागू करना और उन नियोजित कार्यों को बजट में शामिल करने के बावजूद उनके लिए समय पर राजस्व की व्यवस्था नहीं करना है। केजरीवाल की आप सरकार ने सत्ता के संघर्ष में अपने दस साल कुर्बान कर दिए और आज दिल्ली को ऐसे आर्थिक संकट में धकेल दिया है जहां न केवल विकास ठप हो गया है, बल्कि जनकल्याणकारी योजनाएं भी रुकी हुई नजर आ रही हैं।”https://x.com/Virend_Sachdeva/status/1844306908426940687/photo/1