लंदन, ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने कहा कि जी-20 समूह समावेशी विकास के लिए विश्व का प्रमुख मंच है और इस साल भारत की अध्यक्षता ने ‘ग्लोबल साउथ’ को मजबूती से अपनी बात रखने में मदद की है। ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
लंदन में मंगलवार को इंडिया हाउस में भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए एक साक्षात्कार में वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि जी20 की बैठकें भारत के हर हिस्से में हो रही हैं तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस पहल का मकसद देश के प्रत्येक हिस्से से लोगों को रूबरू कराना है। जी20 के नेताओं का शिखर सम्मेलन नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में होगा। दुरईस्वामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जहां तक जी20 का संबंध है तो यह सभी देशों के लिए समावेशी विकास के बेहतर अवसर पैदा करने के वास्ते दुनिया का प्रमुख मंच है।’’
उच्चायुक्त ने स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक अगले 25 वर्षों के ‘अमृत काल’ के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य तथा जी20 की थीम ‘वसुदैव कुटुम्बकम’ के बीच संबंध पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि उनका इरादा हर साल को खास बनाना और यह संकल्प लेने में मदद करना है कि भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करने तक सही मायने में एक विकसित देश बन जाएगा।’’
अगले महीने होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की नयी दिल्ली की यात्रा के लिए तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर राजदूत ने कहा, ‘‘इंतजार करिए और देखिए।’’
ब्रिटेन की मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि सुनक की भारत की पहली यात्रा पर उनका भव्य स्वागत करने की योजना बनायी गयी है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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