भारत की निगाह अब तिपहिया को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने पर

नयी दिल्ली, कारों और दोपहिया वाहनों के बाद भारत की नजर देश की सड़कों पर चलने वाले 60 लाख तिपहिया वाहनों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में बदलने पर है।

सरकार ने 2030 तक देश की सड़कों पर दौड़ने वाले कुल वाहनों के 30 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इसी के अनुरूप सरकार की निगाह तिपहिया को ईवी में बदलने पर है।

माल ढुलाई वाले वाहनों से लेकर कचरा निपटान वैन तक को इलेक्ट्रिक में बदलने से तिपहिया वाहनों की परिचालन की लागत घटेगी।

चारपहिया वाहनों के उलट तिपहिया वाहनों में डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज करने या बदलने के आसान विकल्प आते हैं, जिससे चार्ज होने में लगने वाले समय की बचत होती है।

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (सीईएसएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लि. (सीईएसएल) ने अलग-अलग तरह के इस्तेमाल के लिए बिजली से चलने वाले एक लाख तिपहिया वाहनों की खरीद को लेकर 3,000 करोड़ रुपये की निविदा जारी की है।

सीईएसएल की प्रबंध निदेशक एवं मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) महुआ आचार्य ने कहा, ‘‘निविदा जारी करने से पहले हमने मांग जुटाने के लिए हमने सार्वजनिक प्रकिया की। इसी कड़ी में हमें फाइनेंसरों, फ्लीट एग्रीगेटर और राज्यों से प्रतिबद्धताएं मिलीं है।’’

उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर खरीदारी करने से बेहतर कीमत प्राप्त होगी।

आचार्य ने कहा कि 18 माह में वादे के अनुसार एक लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन देने की निर्माताओं की क्षमता हालांकि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि बोली-पूर्व सम्मेलन में 20 मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) ने हिस्सा लिया।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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