भारत में वयस्कों के टीकाकरण के प्रति खास रुचि नहीं : सर्वेक्षण

नयी दिल्ली, भारत में 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के केवल 16 प्रतिशत लोगों ने वयस्कों के लिए बने टीके लगवाए हैं, हालांकि इस आयु वर्ग के 71 प्रतिशत लोगों को इसके बारे में पता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार अधिकतर चिकित्सकों ने वयस्कों के कम टीके लगवाने के लिए औपचारिक दिशानिर्देशों की कमी को प्रमुख कारण बताया है। यह सर्वेक्षण हाल ही में ‘एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन इन इंडिया’ (एपीआई) और वैश्विक बाजार अनुसंधान और पोलिंग संस्थान ‘इप्सोस’ द्वारा 16 शहरों में 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों, उनकी देखभाल करने वालों और चिकित्सकों के बीच किया गया था। उन्होंने कहा कि इससे ठोस जानकारी मिली कि भारत में वयस्कों के टीकाकरण को इतने कम स्तर पर क्यों अपनाया गया है। यह सर्वेक्षण फरवरी से मार्च 2023 के बीच 50 साल से अधिक उम्र के 1950 वयस्कों, देखभाल करने वाले 409 लोगों और 30 चिकित्सकों के बीच किया गया। सर्वेक्षण से पता चलता है कि 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के 71 प्रतिशत लोग वयस्कों के टीकाकरण के बारे में जानते हैं, लेकिन केवल 16 प्रतिशत ने ऐसा कोई टीका लगवाया है। मरीजों और डॉक्टरों ने कम टीकाकरण के लिए अलग-अलग कारण बताए हैं। सर्वे में शामिल नब्बे प्रतिशत चिकित्सकों ने कहा कि औपचारिक दिशानिर्देश नहीं होने की वजह से लोगों की टीकाकरण में कम रुचि है। डॉक्टर अपने रोगियों के साथ वयस्कों के टीकाकरण के बारे में बात करने से बचते भी हैं क्योंकि उनके पास समय की कमी रहती है और उन्हें लगता है कि कीमत की वजह से भी लोग टीके नहीं लगवाएंगे। इसके अलावा उनका ध्यान रोग की रोकथाम के बजाय इलाज पर होता है। रोगियों ने कहा कि उन्हें डॉक्टर सिफारिश नहीं करते, इसलिए वे टीकाकरण में इतनी रुचि नहीं लेते। सर्वे के अनुसार 50 साल या उससे अधिक उम्र के 69 प्रतिशत वयस्क और उनकी देखभाल करने वाले 76 प्रतिशत लोग डॉक्टरों से वयस्कों के टीकाकरण के बारे में नहीं पूछते क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर इसकी जरूरत होगी तो डॉक्टर खुद ही कहेंगे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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