भारत सरकार ने भू.स्थानिक डेटा दिशानिर्देशों का उदारीकरण किया

एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार ने भू-स्थानिक डेटा के लिए दिशानिर्देशों को उदार बनाया है। आज नई दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग में उदारीकृत दिशानिर्देशों का विवरण देते हुए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि भू-स्थानिक दिशानिर्देशों को उदार बनाकर बड़ा कदम उठाया है। यह ऐतिहासिक निर्णय एक लाख करोड़ रूपए की भू-स्थानिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।

इस अवसर पर उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह; प्रधान मंत्री कार्यालय; कार्मिक, सार्वजनिक शिकायतें और पेंशन; परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग; प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, सचिव, डीएसटी और सुनील कुमार, संयुक्त सचिव, डीएसटी भी उपस्थित थे।

हर्षवर्धन ने कहा, “अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियां हाइपर-रिज़ॉल्यूशन मैप का उपयोग करेंगी। भू-स्थानिक डेटा के व्यापक, अत्यधिक सटीक, दानेदार और लगातार अपडेट किए गए प्रतिनिधित्व की उपलब्धता से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को काफी फायदा होगा और यह देश में नवाचार को काफी बढ़ावा देगा और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए देश की तैयारियों को बढ़ाएगा। डेटा और आधुनिक मैपिंग प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता आत्मनिर्भर भारत और पांच ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था की दृष्टि को प्राप्त करने के लिए भारतीय कंपनियां भी महत्वपूर्ण हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भू-स्थानिक डेटा के अधिग्रहण और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली नीतियों का उदारीकरण एक ‘आत्मानिभर भारत’ के लिए सरकार के दृष्टिकोण में एक बड़ा कदम है।

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