इंफाल, मणिपुर में हाल ही में हुए ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के बाद अत्याधुनिक रॉकेट के अवशेष बरामद किए गए हैं। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के सेवानिवृत्त महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी.सी. नायर के हाल में मीडिया को दिए साक्षात्कार में किए गए इस दावे को खारिज कर दिया कि (राज्य में) हमलों में किसी ड्रोन या रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया गया। नायर ने मणिपुर पुलिस को ‘‘मेइती पुलिस’’ भी कहा था जो जातीय संघर्ष में उसकी कथित पक्षपातपूर्ण भूमिका का संकेत था। पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) के. जयंत सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा ‘‘यह बयान अपरिपक्व है और ऐसा लगता है कि यह बल (असम राइफल्स) के नहीं बल्कि उनके निजी विचार हैं। हम इसे दृढ़ता से खारिज करते हैं। ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के सबूत हैं। ड्रोन बरामद किए गए हैं। नागरिक क्षेत्रों पर दागे गए अत्याधुनिक रॉकेटों के अवशेष बरामद किए गए हैं। ऐसे सबूतों के बावजूद यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिष्ठित कमांडर द्वारा इस तरह का बयान दिया गया।’’ पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आई. के. मुइवा ने कहा ‘‘हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यहां कोई ‘मेइती पुलिस या कुकी पुलिस’ नहीं है बल्कि मणिपुर पुलिस है। मणिपुर पुलिस में नगा मेइती मणिपुरी मुस्लिम और गैर-मणिपुरी सहित विभिन्न समुदाय शामिल हैं। इस बल में ईसाई मुस्लिम और हिंदू भी हैं।’’ तंगखुल नगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुइवा ने कहा ‘‘यह बयान कि मणिपुर पुलिस ‘मेइती पुलिस’ है एक संकुचित मानसिकता को दर्शाता है।’’ ड्रोन हमलों पर मुइवा ने कहा ‘‘हमने ड्रोन बम हमलों के संबंध में आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर जानकारी साझा की है और हम इस पर कायम हैं।’’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common