महाराष्ट्र : मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर भाजपा का प्रदर्शन

मुंबई, महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी नेतृत्व वाली सरकार के मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देने के विरोध में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन किया।

कोविड-19 प्रतिबंध के कारण मंदिर बंद हैं। कई जगहों पर धरने प्रदर्शन के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया।

इस बीच, मुंबई में कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। एक अधिकारी ने बताया कि गामदेवी पुलिस ने मुनगंटीवार और 30 अन्य कार्यकर्ताओं को पहले हिरासत में लिया और बाद में इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

भाजपा के आध्यात्मिक आघाड़ी द्वारा पुणे, मुंबई, नासिक, नागपुर, पंढरपुर, औरंगाबाद और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने घंटी और शंख बजाया। पुणे और औरंगाबाद में, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद मंदिरों में जबरन घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

पुणे शहर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राज्य सरकार द्वारा शराब और अन्य दुकानों को संचालन की अनुमति देने, लेकिन मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं देने पर सवाल उठाया।

पाटिल ने सवाल किया, ‘‘क्या महामारी की संभावित तीसरी लहर का डर शराब की दुकानों और अन्य दुकानों पर लागू नहीं होता है? क्या कोरोना वायरस उनसे (सरकार) बात करता है और कहता है कि वह तभी हमला करेगा जब मंदिर फिर से खुलेंगे।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल शिवसेना ‘‘अपने सहयोगियों- कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को खुश करने’’ के लिए मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दे रही है।

मुंबई में, पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने प्रसिद्ध बाबुलनाथ मंदिर के पास प्रदर्शन का नेतृत्व किया। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंदिर के पास जाने से रोक दिया। मुनगंटीवार ने संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में मंदिर खुले हैं।

आगामी त्योहारों के मद्देनजर सार्वजनिक समारोहों से बचने के लिए राज्यों को केंद्र के दिशा-निर्देश के बारे में पूछे जाने पर मुनगंटीवार ने सवाल किया, ‘‘क्या केंद्र ने शराब की दुकानों को खोलने और मंदिरों को बंद करने के लिए कहा था? क्या राज्य सरकार ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया? पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को लोकल ट्रेनों में सफर की अनुमति दी गयी है। वही मानदंड लागू क्यों नहीं किया जा सकता और मंदिर फिर से क्यों नहीं खोले गए?’’

मुंबई से सटे ठाणे और पालघर जिलों में भी विरोध प्रदर्शन हुए, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने शंख और घंटियां बजाईं। मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को दही हांडी कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ ठाणे में प्रदर्शन किया।

हालांकि, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ‘‘भक्तों के जीवन के साथ खेल रही है और केंद्र सरकार के निर्देशों की परवाह नहीं करती है।’’

सावंत ने दावा किया, ‘‘लोगों को सतर्क रहना चाहिए और भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से दूर रहना चाहिए क्योंकि वे कोरोना वायरस के वाहक हो सकते हैं। चंद्रकांत पाटिल और अन्य ने मास्क नहीं पहना था।’’

चंद्रकांत पाटिल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ‘‘अपने उन सहयोगियों को खुश करने के लिए मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दे रहे है, जो भगवान में विश्वास नहीं करते हैं और अल्पसंख्यकों से वोट प्राप्त करना चाहते हैं।’’ पाटिल ने कहा, ‘‘अगर मंदिरों को दोबारा नहीं खोला गया तो लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाएंगे और देवताओं का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों के ताले तोड़ देंगे। हम केवल हिंदुओं के लिए प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, हमारा प्रदर्शन सभी धर्मों के लोगों के लिए है।’’

पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने आश्चर्य जताया कि जब सरकार द्वारा होटल, सार्वजनिक परिवहन, मॉल आदि को संचालित करने की अनुमति दी गई है तो मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘हजारों लोगों की आजीविका मंदिरों पर निर्भर है लेकिन कोविड-19 स्थिति को संभालने में विफल राज्य सरकार लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है और यही कारण है कि मंदिरों को फिर से खोलने की मांग के लिए भाजपा राज्य में आंदोलन कर रही है।’’

सोलापुर जिले के पंढरपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सोलापुर (ग्रामीण पुलिस) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतुल जेडे ने यह जानकारी दी।

पूर्वी महाराष्ट्र के नागपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘‘शंखनाद’’ प्रदर्शन के तहत विभिन्न मंदिरों में शंख बजाया और राज्य सरकार से अगले सात दिनों में मंदिरों को फिर से खोलने की अपील की, और कहा कि ऐसा नहीं करने पर वे मंदिरों को फिर से खोल देंगे।

भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर के प्रसिद्ध कोराडी मंदिर में प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘‘मंदिरों को फिर से खोलने की मांग महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों की है। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी कहा है कि वह इसके लिए प्रदर्शन में शामिल होंगे। महाराष्ट्र को छोड़कर पूरे भारत में मंदिर खुले हैं। यदि राज्य सरकार अगले सात दिनों के भीतर मंदिरों को फिर से खोलने में विफल रहती है, तो भाजपा उन्हें फिर से खोल देगी।’’ भाजपा प्रवक्ता चंदन गोस्वामी ने कहा कि विदर्भ क्षेत्र के 150 से अधिक मंदिरों में ‘‘शंखनाद’’ विरोध प्रदर्शन किया गया।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Twitter

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