मादक पदार्थ मामले के आरोपियों को जेल में प्रताड़ित करने के दावों की जांच कराई जाए : उच्च न्यायालय

कोच्चि, केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को कारा महानिदेशक को मादक पदार्थों से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को जेल अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किये जाने के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया। इन आरोपियों को उस व्यक्ति के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसकी तनूर में हिरासत में मौत हो गयी थी। न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने कारा महानिदेशक से इन आरोपों की जांच करने और तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। उच्च न्यायालय का यह आदेश एक आरोपी के पिता की याचिका पर आया, जिन्होंने दावा किया था कि उनके बेटे और मादक पदार्थ मामले के अन्य आरोपियों को जेल के कुछ अधिकारियों द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने वकील पी वी जीवेश के माध्यम से दायर अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्तियों को उन बयानों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने के लिए प्रताड़ित किया गया कि उनके पास मन: प्रभावी मादक पदार्थ (साइकोट्रोपिक सब्सटांस)थे, जैसा कि पुलिस ने दावा किया था। पुलिस ने एक अगस्त को कथित तौर पर एक गुप्त सूचना के आधार पर कृत्रिम मादक पदार्थ रखने के संदेह में पांच युवाओं को गिरफ्तार किया था। इस सिलसिले में स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पांच में से एक आरोपी तामीर जिफरी (30) की कथित तौर पर पुलिस यातना के कारण हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों के पास से 18.14 ग्राम एमडीएमए मादक पदार्थ बरामद होने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। पुलिस हिरासत में कथित यातना के संबंध में तनूर पुलिस थाने के आठ अधिकारियों को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया था। केरल सरकार ने बाद में यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: