मानवीय जीवन के बेहतरी के लिये निर्धारित ग्रह की नौ सीमाओं में से छह का उल्लंघन हो रहा : शोध

नयी दिल्ली, मानवीय गतिविधियां ग्रह को लगातार प्रभावित कर रही हैं, जिसके चलते पृथ्वी की समग्र परिस्थितियों में भारी परिवर्तन का जोखिम बढ़ गया है। ‘ग्रहीय सीमा ढांचा’ के अद्यतन शोध में यह जानकारी सामने आई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि मानवीय जीवन की बेहतरी के लिये नौ “ग्रहीय सीमाएं” वैश्विक पर्यावरण के घटकों का प्रतिनिधित्व करती हैं जो ग्रह की स्थिरता और लोगों के लिए रहने की स्थितियों के लिहाज से उसको नियंत्रित करती हैं।

             उन्होंने कहा कि सुरक्षित ग्रहीय सीमा स्तरों के उल्लंघन का अनुपात मानव-संचालित गतिविधियों पर निर्भर करता है, जो घटकों को प्रभावित करता है। ग्रहीय सीमाओं की रूपरेखा मानवता के लिए ‘‘रहने के सुरक्षित स्थान’’ की पहचान करने के वास्ते पृथ्वी के तंत्र के कामकाज की नवीनतम वैज्ञानिक समझ को लागू करती है।

             यह उस सीमा का निर्धारण करता है, जिस हद तक मानवीय गतिविधियों को पृथ्वी की उन स्थितियों में संभावित परिवर्तन के जोखिम की अनुमति दी जा सकती है, जो मानव जीवन को प्रभावित नहीं करे। शोधकर्ताओं ने कहा कि पहली बार, सभी ग्रहीय सीमाओं के लिए पैमाना प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पाया गया कि इसकी छह सीमाओं का अतिक्रमण किया गया है और पृथ्वी की ओजोन परत के क्षरण को छोड़कर सभी सीमाओं का उल्लंघन बढ़ रहा है।

             शोधकर्ताओं के अनुसार, जलवायु को लेकर वैश्विक स्तर पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उनके मुताबिक, ‘पृथ्वी प्रणाली मॉडल’ विकसित करना एक तत्कालिक प्राथमिकता है, जो ग्रहीय सीमाओं, विशेष रूप से जलवायु और जीवमंडल के बीच संबंधों को सटीक तौर पर नए सिरे से पेश करता है। जर्नल ‘साइंस एडवांसेज’ में प्रकाशित शोध आठ अलग-अलग देशों के 29 वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ग्रहीय सीमा ढांचे के तीसरे अद्यतन अध्ययन को पेश करता है। डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और अध्ययन की नेतृत्वकर्ता कैथरीन रिचर्डसन ने कहा कि ग्रहीय सीमाओं के बढ़ते उल्लंघन की प्रवृत्ति चिंताजनक है। रिचर्डसन ने कहा, ‘‘छह ग्रहीय सीमाओं का उल्लंघन करने से यह जरूरी नहीं है कि कोई आपदा आएगी, लेकिन यह एक स्पष्ट चेतावनी संकेत है। हम इसे अपने रक्तचाप के रूप में मान सकते हैं।’’

             उन्होंने कहा, ‘‘120/80 से अधिक का रक्तचाप दिल के दौरे की गारंटी नहीं है, लेकिन इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, हम इसे नीचे लाने की कोशिश करते हैं। अपने और अपने बच्चों के हित के लिए हमें इन छह ग्रहीय सीमाओं पर दबाव कम करने की जरूरत है।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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