नयी दिल्ली, गोवा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य विनय दीनू तेंदुलकर को शुक्रवार को राज्यसभा से विदाई दी गई तथा सभापति जगदीप धनखड़ ने उनके योगदान और उच्च सदन में पहली बार कोंकणी भाषा में अपनी बात रखने के लिए उनकी सराहना की। राज्यसभा में तेंदुलकर के कार्यकाल का आज आखिरी दिन था। उन्हें विदाई देते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘‘जब हम में से कोई राज्यसभा से विदा होता है तो यह हमारे लिए भावुक क्षण होता है। आज हम गोवा के अपने सहयोगी विनय दीनू तेंदुलकर को विदाई दे रहे हैं।’’ तेंदुलकर जुलाई 2017 में उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुए थे। धनखड़ ने तेंदुलकर को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया और कहा कि बतौर सामाजिक कार्यकर्ता और कलाकार उन्होंने अपनी पहचान स्थापित की और गोवा सरकार में बतौर केबिनेट मंत्री भी काम किया। सभापति ने यह उल्लेख भी किया कि वर्ष 2020 में शून्यकाल के दौरान सदन में कोंकणी में भाषण देने वाले तेंदुलकर पहले व्यक्ति बने।उन्होंने कहा, ‘‘और एक तरह से उन्होंने इतिहास बनाया।’’तेंदुलकर ने शून्य काल के दौरान गोवा में बुल फाइटिंग को मुद्दा उठाया था। कोंकणी में बुल फाइटिंग को ‘धीरियो’ के नाम से जाना जाता है।सभापति ने कहा, ‘‘यह कार्यक्रम और भाषा दोनों ही यादगार हैं।’’सभापति धनखड़ ने कहा कि तेंदुलकर ने 150 से अधिक मराठी और कोंकणी में नाटकों में अभिनय किया है। उन्होंने कहा, ‘‘सेवानिवृत्त होना जीवन का एक चरण है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह अन्य माध्यमों से देश की सेवा जारी रखेंगे। उनकी क्षमताओं और योगदानों ने सदन की गरिमा बढ़ाई है। मैं उनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।’’सभापति ने इस अवसर पर यह घोषणा भी की कि जब भी पूर्व सदस्य दिल्ली आएं तो राज्यसभा सचिवालय उनके ठहरने सहित अन्य जरूरतों का ध्यान रखेगा।तेंदुलकर ने अपने विदाई भाषण में राज्यसभा का सदस्य बनाए जाने के लिए अपनी पार्टी और उसके पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सदन के नेता पीयूष गोयल और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर सहित अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं और इसके बावजूद उनकी पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं सेवानिवृत्त हो रहा हूं लेकिन राजनीति से रिटायर नहीं हो रहा हूं। हम राजनीति करते रहेंगे। और 2024 में फिर मोदी को जीताकर लाएंगे।’’ क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common