राज्य सरकार किसानों के हितों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील : कल्ला

जयपुर, राजस्थान सरकार ने रविवार को रबी फसलों के लिए श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में इंदिरा गांधी नहर का पर्याप्त पानी छोड़ने के वास्ते किसानों की मांग पर गौर करने का आश्वासन दिया।

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री तथा श्रीगंगानगर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. बी. डी कल्ला एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना मंत्री उदयलाल आंजना की उपस्थिति में रविवार को जयपुर में विद्युत भवन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ किसानों की मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई।

कल्ला ने कहा कि किसानों के हितों को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनशील है और किसानों को पानी देने के लिए उपलब्ध मात्रा का पूरा आकलन कर बंटवारा किया जाएगा।

हालांकि श्रीगंगानगर में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का कोई प्रतिनिधि रविवार को जयपुर में हुई बैठक में शामिल नहीं हुआ।

आंदोलन कर रहे किसान रबी फसल के दौरान इंदिरा गांधी नहर से छह से सात बार पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं लेकिन जल संसाधन विभाग ने कहा कि सत्र में तीन बार पानी छोड़ा जाएगा।

मांगें पूरी नहीं होने पर किसानों ने शनिवार शाम श्रीगंगानगर के घडसाना उपखंड अधिकारी कार्यालय का घेराव किया और सात गुना पानी की मांग को लेकर कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने आंदोलन कर रहे किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों को रविवार को जयपुर में वार्ता के लिए आमंत्रित किया लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा बैठक में इसलिए शामिल नहीं हुआ क्योंकि वह वार्ता के लिए बैठक श्रीगंगानगर में चाहता है।

कल्ला ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों आश्वासन दिया कि उपलब्ध पानी की मात्रा का पूरी तरह से आकलन किया जायेगा और उसके अनुसार पानी वितरित किया जाएगा।

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि इस साल कम बारिश हुई है, इसलिए पर्याप्त पानी नहीं है।

बैठक में श्रीगंगानगर से भाजपा सांसद निहालचंद मेघवाल, कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुनर(श्रीगंगानगर), गोविन्दराम मेघवाल (बीकानेर), भाजपा विधायक गुरदीप शाहपीनी (हनुमानगढ़), धर्मेन्द्र कुमार (हनुमानगढ़), पूर्व विधायक सोना देवी बावरी, पूर्व प्रधान परमजीत सिंह रंधावा एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

श्रीगंगानगर में संयुक्त किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने कहा, ‘‘ हम पिछले कई दिनों से रबी फसलों के लिए नहर से पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। शनिवार शाम को आंदोलन तेज कर दिया गया क्योंकि बुवाई का समय आ गया है और सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है।’’ उन्होंने कहा कि मोर्चा ने बैठक का बहिष्कार किया और जयपुर नहीं गए।

बेनीवाल ने कहा, ‘‘ इस मुद्दे पर श्रीगंगानगर में बेहतर तरीके से चर्चा की जा सकती है। आज की बैठक में राजनेताओं ने भाग लिया और कोई किसान नहीं था। हम यहां अपने जिले में एक बैठक चाहते हैं ताकि वास्तव में इस मुद्दे को सुलझाया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 20 लाख से अधिक किसान सिंचाई के लिए इंदिरा गांधी नहर के पानी पर निर्भर हैं।

बेनीवाल ने कहा, ‘‘पूरे सीजन में तीन बार पानी पर्याप्त नहीं है। बुवाई का समय आ चुका है। यदि नहर में केवल तीन बार पानी छोड़ा जाता है तो दो आपूर्ति के बीच 40-45 दिनों का अंतर होगा जो काफी लंबा है। अगर 40-45 दिनों बाद पानी छोड़ा गया तो फसल नहीं बचेगी, इसलिए हम सात गुना पानी की मांग कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पानी की अपर्याप्त आपूर्ति से रावला घडसाना, खाजूवाला, सूरतगढ़, हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ के किसान प्रभावित होंगे।

मोर्चा की केन्द्रीय परिषद के सदस्य श्योपत मेघवाल ने कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जातीं तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

श्रीगंगानगर के जिलाधिकारी जाकिर हुसैन ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों पर गौर कर रही है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति शांतिपूर्ण है और घडसाना एसडीएम कार्यालय के बाहर करीब 250 किसान धरने पर बैठे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि शनिवार शाम को एसडीएम कार्यालय के बाहर सैकडों किसान एकत्रित हो गए और एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। उन्होंने कार्यालय के प्रवेश को बंद कर दिया जिसके बाद इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि वहां तैनात कुछ पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को किसानों ने कुछ देर के लिए कार्यालय के अंदर बंद कर दिया।

श्रीगंगानगर के पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि एसडीएम कार्यालय के अंदर और बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजस्थान सशस्त्र बल की एक टुकड़ी तैनात की गई है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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