लद्दाख मुद्दा ‘प्राथमिकताओं में भी प्राथमिकता’ होना चाहिए: अखिलेश

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि लद्दाख के मुद्दे को प्राथमिकताओं में प्राथमिकता माना जाना चाहिए और उन्होंने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में किए जा रहे विरोध का समर्थन किया। वांगचुक और लद्दाख के 150 अन्य प्रदर्शनकारियों ने दोबारा हिरासत में लिए जाने के बाद अपना अनिश्चितकालीन अनशन बुधवार को भी जारी रखा और कहा कि शांति तथा लोकतंत्र को प्रदर्शित करने वाले दिवस गांधी जयंती पर उनके अधिकारों को ‘‘कुचल दिया गया’’ है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यादव ने पोस्ट कर कहा ‘‘लद्दाख को बचाने की कोशिश अपनी सीमावर्ती जमीन को बचाना भी है। अगर चारागाह पर धीरे-धीरे दूसरों का कब्जा होता जाएगा तो लद्दाख के पश्मीना चरवाहों की भेड़-बकरियों और उनसे जुड़े उत्पादों के लिए घोर संकट पैदा हो जाएगा जिसका सीधा संबंध लद्दाख के समाज के जीवनयापन से जुड़ा है।’’ उन्होंने कहा कि इसीलिए यह मुद्दा एक संवेदनशील सामरिक मुद्दे के अलावा एक बेहद चिंतनीय आर्थिक-सामाजिक मुद्दा भी है। सपा नेता ने कहा ‘‘लद्दाख के मुद्दे को बड़े चश्मे से देखने की जरूरत है। इसके लिए उठ रही आवाजो को दबाना देश के लिए चुनौती बन रही एक बड़ी दखलंदाजी से मुंह मोड़ना है। इसीलिए लद्दाख के मुद्दे को प्राथमिकताओं में भी प्राथमिकता मानना चाहिए।’’ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार-बार लोगों को सरकार को लद्दाख की समस्याओं और चुनौतियों की याद दिलानी पड़ रही है। उन्होंने कहा ‘‘जब कोई जान बूझकर सुनना नहीं चाहता है तो जानबूझकर उसे फिर से सुनाया जाता है। इसीलिए हमने पहले भी कहा था आज फिर से वही पूरी बात दोहरा रहे हैं: पानी और नमक के सहारे अनशन करने वालों का महत्व भारतीय जनता पार्टी क्या समझेगी जिसकी आंख का पानी मर गया है और जो नमक का कर्ज तक चुकाना नहीं जानती।’’ यादव ने दावा किया कि देश की जनता लद्दाख देश की सीमाओं और पर्यावरण की रक्षा के लिए वांगचुक के संघर्ष में उनके साथ है। उन्होंने कहा ‘‘हम सबका सम्पूर्ण समर्थन उनके इस महान आंदोलन को कामयाब बनाएगा। भाजपा के वसूली के बल पर जमा किये गये पैसों के अंबार से जन्मे अहंकार ने उसकी देखने सुनने और समझने की शक्ति छीन ली है। ये भाजपा का पतनकाल है।’’ ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) ने ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ के साथ मिलकर इस पदयात्रा का आयोजन किया था जो पिछले चार साल से लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग की स्थापना के साथ शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने तथा लेह एवं करगिल जिलों में अलग लोकसभा सीटों की मांग और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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