लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की कड़े शब्दों में निंदा करने की आवश्यकता: श्रृंगला

संयुक्त राष्ट्र, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि पाकिस्तान के आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित संस्थाएं हैं, जिनसे निपटने की और कड़े शब्दों में निंदा करने की जरूरत है।

सोमवार को यहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए, श्रृंगला ने रेखांकित किया कि भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान को लेकर पारित प्रस्ताव में सुरक्षा परिषद द्वारा नामित व्यक्तियों और संस्थाओं को संदर्भित किया गया है।

लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ-साथ हक्कानी नेटवर्क यूएनएससी प्रस्ताव 1267 (1999) के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी संस्थाएं हैं।

श्रृंगला ने कहा, ‘आज का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव … भारत की अध्यक्षता में पारित एक बहुत ही महत्वपूर्ण और समय पर की गयी घोषणा है। मैं इस तथ्य को उजागर करना चाहता हूं कि प्रस्ताव यह स्पष्ट करता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी अन्य देश को धमकी देने, उस पर हमला करने के लिये नहीं किया जाना चाहिये। यह विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को भी रेखांकित करता है। यह उन व्यक्तियों और संस्थाओं को भी संदर्भित करता है जिन्हें सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत प्रतिबंधित किया गया है।’

उन्होंने कहा, ‘लश्कर और जैश, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संस्थाएं है, जिनसे निपटने की और कड़ी से कड़ी निंदा करने की आवश्यकता है।’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: