जयपुर, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश लेखानुदान में राज्य के लिए कोई दृष्टि नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘ इस लेखानुदान से राजस्थान की भाजपा सरकार ने “मोदी की गारंटी” की हवा निकाल दी है।’
गहलोत ने एक बयान में कहा कि राजस्थान की वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए लेखानुदान में राज्य के लिए विजन की बजाय पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप ही दिखाई दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘ वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार पर कर्ज 2 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया पर मैं उनकी जानकारी में लाना चाहूंगा कि भारत सरकार पर संप्रग सरकार के समय 2014 तक 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जो 2023 तक 106 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 161 लाख करोड़ रुपये हो गया है।’
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के सभी वित्तीय संकेतक भारत सरकार से बेहतर रहे हैं। राजस्थान की राज्य जीडीपी 2018 में करीब 9 लाख करोड़ थी जो 2023 में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये हो गई एवं राजस्थान आर्थिक विकास दर में उत्तर भारत में नंबर 1 और देश में नंबर 2 तक पहुंचा।
उन्होंने कहा,’आज के लेखानुदान से राजस्थान की भाजपा सरकार ने “मोदी की गारंटी” की हवा निकाल दी है क्योंकि मोदी ने चुनाव में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमतें गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों के समान करने की गारंटी दी थी पर आज लेखानुदान में इसका जिक्र तक नहीं किया गया है। यह दिखाता है कि मोदी की गारंटी पूरी तरह खोखली है। वैसे गारंटी शब्द ही मोदीजी ने कांग्रेस के कैंपेन से चुराया है।’
गहलोत ने कहा कि किसान विरोधी सोच को प्रदर्शित करते हुए भाजपा सरकार ने हमारी सरकार द्वारा शुरू किए गए पृथक कृषि बजट को समाप्त कर दिया है जबकि वर्तमान भाजपा सरकार के माननीय कृषि मंत्री ने पदभार संभालने के बाद हमारी इस पहल का स्वागत किया था।
वहीं विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि इस बजट में राजस्थान के लिये कुछ भी नहीं है.. राजस्थान की सम्रगता के लिये कुछ भी नहीं है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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