नयी दिल्ली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से संसदीय समितियों द्वारा विधेयकों की उचित जांच-पड़ताल सुनिश्चित करने की सलाह दी और साथ ही कहा और जल्दबाजी में कानून नहीं बनाए जाने चाहिए।विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर संसद में बिना पर्याप्त चर्चा या जांच पड़ताल के, महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाता रहा है।
राज्यसभा के 68 सदस्यों के सेवानिवृत्त होने के अवसर पर उच्च सदन में खरगे ने पूर्व उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के उन शब्दों को याद किया कि जल्दबाजी में कानून बनाए जाने को रोकने के लिए संसद का दूसरा सदन (राज्यसभा) जरूरी है।उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के पास बहुमत है और इस तरह वह किसी भी तरह से विधेयक पारित करा लेता है।खरगे ने कहा, ‘‘हम जल्दबाजी में कानून बनाते हैं। सांसदों को निलंबित कर दिया जाता है और विधेयक पारित कर दिए जाते हैं। 146 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया और विधेयक पारित किए गए। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।’’कांग्रेस नेता ने कहा कि जल्दबाजी में कानून बनाने से बाद में गलतियों को सुधारने के लिए संशोधन के बाद संशोधन होते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि विधेयकों की जांच पहले संसदीय समितियों, जैसे स्थायी समितियों और संयुक्त संसदीय समितियों द्वारा की जानी चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘क्या होगा (अगर संसदीय पैनल विधेयकों की जांच करता है)? सरकार के पास बहुमत है, विधेयक पारित होंगे।’’नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधेयकों की जांच-पड़ताल होती है तो सांसदों को भी उसमें खामियों की जांच करने का अवसर मिलता है।खरगे ने कहा, ‘‘कृपया विधेयकों को जल्दबाजी में पारित न करें।’’उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि विपक्षी दलों को सदन में मुद्दे उठाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है।खरगे के भाषण के दौरान सदन में कुछ हल्के क्षण और हंसी का माहौल भी दिखा जब उन्होंने जनता दल (सेक्युलर) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के साथ अपनी वर्षों पुरानी दोस्ती को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘देवेगौड़ा जी ने अपना पूरा जीवन धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और किसानों के लिए लगा दिया। लेकिन मुझे नहीं पता कि अचानक क्या हो गया है कि इतनी परिपक्व उम्र में उन्होंने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी को गले लगाया है और उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। उन्हें किसी की तारीफ करने की आदत नहीं है… मुझे नहीं पता कि उनकी आदत में क्या बदलाव आया।’’उनकी टिप्पणी से सभी सदन में ठहाके गूंज उठे और प्रधानमंत्री भी इस पल का आनंद लेते देखे गए।खरगे ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सराहना करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार भी जताया और कहा कि अच्छे कामों की तारीफ और कमियों को उजागर करने का क्रम चलते रहना चाहिए। खरगे से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सदस्यों को विदाई देते हुए मनमोहन सिंह की तारीफ की थी और कहा था कि जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो उनके योगदान को याद किया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 तक का मनमोहन सिंह का जो कार्यकाल था… वह बहुत ही अच्छा था… उनके काम की उन्होंने जो सराहना की, इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं। ऐसे ही चलते रहे… जो काम अच्छे होते हैं उसकी तारीफ करो और जो कमियां होती हैं वह गिनते जाओ।’’
खरगे ने कहा कि मनमोहन सिंह के जमाने में चाहे वह वित्त मंत्री रहे हों या फिर प्रधानमंत्री, देश में बहुत अच्छे काम हुए और वह देश को पटरी पर लेकर आए। उन्होंने कहा, ‘‘और प्रगति जो चल रही है… वहीं से ही शुरू हुई है।’’नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि मनमोहन सिंह विश्व के जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और उनके समय में आज तक की सबसे अधिक विकास दर रही है।
खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और सूचना का अधिकार सहित उनके कार्यकाल के दौरान हुए विभिन्न सुधारों को याद करते हुए खरगे ने कहा कि एक प्रेरक व्यक्ति के रुप में उन्होंने जो छाप छोड़ी है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा और आज इसकी तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने भी की है। मनमोहन सिंह के लिए उन्होंने शेर भी पढ़ा जो इस प्रकार था-‘‘आपकी सोच को आवाज हम देंगे, आपके खौफ को आगाज हम देंगे, आपके जाने पर इतना भरोसा दिलाते हैं, आपके इरादों को परवाज हम देंगे।’’खरगे ने उन सांसदों की स्थिति पर भी प्रकाश डाला जो सेवानिवृत्ति के बाद पैसों का अभाव झेलते हैं। उन्होंने सरकार से ऐसे सांसदों के लिए कुछ करने को कहा।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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