भारत में विपक्षी दलों ने भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति भी हैं, के खिलाफ महाभियोग का नोटिस पेश किया है। कांग्रेस, राजद, टीएमसी, सीपीआई, सीपीएम, जेएमएम, आप और डीएमके के करीब 60 विपक्षी सांसदों ने नोटिस पर हस्ताक्षर कर इसे राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपा है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ यह नोटिस भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के तहत पेश किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने सभापति पर विश्वास खो दिया है, यही वजह है कि उनके खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। राज्यसभा के 72 साल के इतिहास में पहली बार विपक्षी दलों ने औपचारिक रूप से सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। हालांकि, तीन मौके ऐसे आए हैं, जब लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। मावलंकर के खिलाफ बिहार से सोशलिस्ट पार्टी के सांसद विग्नेश्वर मिसिर ने प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव की अध्यक्षता उपसभापति ए. अयंगर ने की थी और अंततः इसे खारिज कर दिया गया था। दूसरा मामला 24 नवंबर, 1966 को हुआ, जब सरदार हुकम सिंह को मधु लिमये द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। हालांकि, उपसभापति एस.वी. कृष्णमूर्ति राव की अध्यक्षता में पेश किए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया क्योंकि 50 से कम सदस्यों ने इसका समर्थन किया था। तीसरा और अंतिम उदाहरण 15 अप्रैल, 1987 को हुआ, जब श्री सोमनाथ चटर्जी ने बलराम जाखड़ के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। उपसभापति थंबी दुरई की अध्यक्षता में पेश किया गया प्रस्ताव भी खारिज कर दिया गया।Photo : Wikimedia