विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के लिए राष्ट्रीय स्तरीय समन्वय समिति की दिल्ली में पहली बैठक हुई

विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के लिए राष्ट्रीय स्तरीय समन्वय समिति (एनएलसीसी) की पहली बैठक 2 जून को सहकारिता मंत्रालय, नई दिल्ली में हुई। सहकारिता मंत्रालय के सचिव आशीष कुमार भूटानी के साथ सचिव (कृषि एवं किसान कल्याण), सचिव (खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण), सचिव (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग), एमडी (एनसीडीसी) भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड, डब्ल्यूडीआरए और अन्य हितधारकों के साथ इस पहली बैठक में शामिल हुए।समिति ने पिछले साल शुरू की गई 11 राज्यों में अपनी पायलट परियोजना के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। भारत सरकार (जीओआई) की मौजूदा योजनाएं, जैसे, कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), कृषि विपणन अवसंरचना योजना (एएमआई), कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (एसएमएएम) प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) आदि। सहकारिता मंत्रालय के सचिव, डॉ भूटानी ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसमें योजना के राष्ट्रव्यापी रोलआउट के लिए विकेन्द्रीकृत स्तर पर गोदामों के निर्माण की परिकल्पना की गई है। पायलट परियोजना को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा नाबार्ड, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज (नैबकॉन्स) के सहयोग से संबंधित राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के समन्वय में लागू किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकारों, एनसीसीएफ, राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी), आदि के समर्थन से पायलट को 500 अतिरिक्त पीएसीएस में विस्तारित किया जा रहा है।राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संघों, जैसे राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) ने परियोजना के तहत भंडारण क्षमता और अन्य कृषि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अधिक पैक्स की पहचान की है।https://x.com/PIB_India/status/1797609495256051978/photo/1

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