कोलंबो श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने मंगलवार को देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति व आम चुनाव को टालने और इन दोनों का कार्यालय दो साल बढ़ाने के लिए जनमत-संग्रह कराने का सुझाव दिया।
श्रीलंका के निर्वाचन आयोग ने इस महीने के शुरू में कहा था कि राष्ट्रपति पद के चुनाव 17 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच कराए जाएंगे।
समाचार पोर्टल ‘न्यूजफर्स्ट आईके’ की खबर के मुताबिक यूएनपी के महासचिव पी आर बंडारा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव और आम चुनाव दो साल टालने के खातिर एक प्रस्ताव पेश किया है और कहा है कि यदि परिस्थितियों ने अनुमति दी तो यह प्रस्ताव औपचारिक रूप से संसद में प्रस्तुत किया जा सकता है जिससे जनमत संग्रह का मार्ग प्रशस्त होगा।
अन्य समाचार पोर्टल ‘डेली मिरर’ के मुताबिक बंडारा ने कहा कि सरकार ने आर्थिक सुधारों पर आईएमएफ विश्व बैंक और अन्य दानदाताओं के साथ समझौता किया है और इस कवायद को सफल बनाने के लिए राष्ट्रपति और संसद का कार्यकाल बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने पत्रकारों से कहा “अर्थव्यवस्था को स्थिर करना किसी भी चीज़ से अधिक महत्वपूर्ण है। बंडारा ने कहा “हमने राष्ट्रपति और संसद का कार्यकाल बढ़ाने के लिए जनमत संग्रह का प्रस्ताव रखा है क्योंकि यह ऐसा करने का सबसे लोकतांत्रिक तरीका है।”
बंडारा ने विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदास के समर्थन सहित पार्टी लाइन से ऊपर उठकर एकता का आग्रह किया है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे (75) ने पिछले हफ्ते संसदीय चुनाव से पहले इस साल राष्ट्रपति पद का चुनाव कराने की अपनी मंशा जाहिर की थी। श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से अप्रैल से जुलाई 2022 के बीच हुए प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद विक्रमसिंघे ने पदभार संभाला था।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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