नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी ऐसे समय में मजबूत सहारे के रूप में उभरी है जब दुनिया तनाव संघर्ष और अनिश्चितता का सामना कर रही है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ सातवीं अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक में भाग लेते हुए मोदी ने कहा कि भारत-जर्मनी के संबंध आदान-प्रदान के संबंध नहीं बल्कि दो सक्षम और मजबूत लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है। मोदी ने कहा ‘‘दुनिया तनाव संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। इस समय में भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत सहारे के रूप में उभरी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शोल्ज की भारत की तीसरी यात्रा है जो भारत तथा जर्मनी के बीच दोस्ती के ‘ट्रिपल जश्न’ को चिह्नित करता है। उन्होंने कहा ‘‘2022 में बर्लिन में पिछले आईजीसी में हमने अपने द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। दो वर्षों में हमारे सामरिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। रक्षा प्रौद्योगिकी ऊर्जा हरित और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है जो आपसी विश्वास के प्रतीक बन गए हैं।’’ प्रधानमंत्री ने जर्मनी द्वारा घोषित ‘फोकस ऑन इंडिया’ रणनीति का भी स्वागत किया। मोदी ने कहा ‘‘मुझे खुशी है कि अपनी साझेदारी को विस्तार देने और बढ़ाने के लिए हम कई नई और महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं और ‘संपूर्ण सरकार’ से पूरे राष्ट्र के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं।’’ आईजीसी एक द्विवार्षिक कवायद है और पिछली बार इसका आयोजन मई 2022 में बर्लिन में किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर के बीच बैठक में जर्मन-भारतीय हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) पर सहमति बनी थी। आईजीसी की शुरुआत 2011 में की गई थी। इसमें सहयोग की व्यापक समीक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच जुड़ाव के नए क्षेत्रों की पहचान की जाती है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common