संभल में पुलिस ने जुमे की नमाज के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किया

संभल  उत्तर प्रदेश के संभल जिले में गत रविवार को शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने जुमे (शुक्रवार) की नमाज से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को मस्जिद के पास के इलाकों में फ्लैग मार्च किया।  अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र के नेतृत्व में पुलिस दल ने व्यस्त बाजारों में गश्त किया। रविवार को हुई हिंसा के बाद संभल नगर की ज्यादातर दुकानें पहली बार खुली‍।

             एएसपी ने  पीटीआई-वीडियो  को बताया कि स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण और सामान्य है। शुक्रवार की नमाज को लेकर सुरक्षा तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा    क्षेत्र में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है और हम किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। 

             चंद्र ने बताया कि स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने जुमे की नमाज के संबंध में स्थानीय मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक की है।  संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार किये गये सर्वेक्षण के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। अदालत ने यह आदेश जिस याचिका पर दिया है उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था।

             पिछले रविवार को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा 25 अन्य जख्मी हो गये थे। सर्वेक्षण की रिपोर्ट 29 नवंबर को अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है।

             हालांकि शहर में हालात लगभग सामान्य हो चुके हैं लेकिन मस्जिद के पास के बाजारों में कारोबारियों का दावा है कि घटना के बाद से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान मस्जिद से आधा किलोमीटर दूर स्थित सर्राफा बाजार में स्थित सर्राफा दुकान मालिकों को हुआ है।  सर्राफा व्यापारी अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि सर्राफा बाजार में 70-80 से ज्यादा दुकानें हैं।

             उन्होंने कहा  “शादी-ब्याह का सीजन होने के बावजूद हमारी बिक्री में काफी गिरावट आई है। पिछले चार दिनों में मेरी दुकान पर मुश्किल से तीन ग्राहक आए हैं।” उन्होंने दावा किया कि रविवार की हिंसा के बाद सर्राफा बाजार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक दुकान के मालिक खुशनवाज ने कहा    हम खाली बैठे हैं और हिंसा के बाद से कमाई करना मुश्किल हो रहा है।  ‘ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन फेडरेशन’ के जिला अध्यक्ष राजीव वार्ष्णेय ने कहा    यह घटना बहुत दुखद है। ऐसी घटनाओं में सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों को होता है। लोग डर की वजह से बाहर नहीं आते  जिससे कारोबार प्रभावित होता है।   इस बीच  पुलिस रविवार को हुई हिंसा की जांच कर रही है। मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है जिसके बाद घटना में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 31 हो गई।

             पुलिस सूत्रों के अनुसार  हिंसा के मामले में फैजान  मोहम्मद अली और रेहान को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 300 देसी बंदूकें  तीन खोखे और रबर की सात गोलियां भी बरामद कीं।

             पुलिस सूत्रों ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए 30 टीमें बनाई गई हैं। कोट गर्वी इलाके से कथित दंगाइयों की 100 से ज्यादा तस्वीरें जारी की गई हैं।

             संभल में बाजार और स्कूल फिर से खुलने के बावजूद बुधवार को  एहतियाती उपाय  के तौर पर इंटरनेट पर पाबंदी की अवधि को 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया है।  पिछले रविवार को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गयी थी। उनकी पहचान नईम  बिलाल  नोमान और कैफ के रूप में हुई है।  पुलिस ने इस मामले में सात मुकदमे दर्ज कर अब तक 31 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक मुकदमे में संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और संभल सदर सीट से पार्टी के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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