संसद से मिली वन संरक्षण संशोधन विधेयक को मंजूरी

नयी दिल्ली, संसद ने ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को मंजूरी दे दी जिसका मकसद वनों के संरक्षण के साथ ही विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करना और लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाना है। राज्यसभा ने विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए उच्च सदन में पेश किया। विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा के दौरान सदस्यों ने वनों के संरक्षण के साथ ही विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन पर जोर दिया। इसके साथ ही सदस्यों ने कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए भी अहम है और किसी भी स्थिति में देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री यादव ने कहा कि दुनिया में प्रकृति से संबंधित जो चुनौतियां हैं उनमें तापमान में वृद्धि और जैव-विविधता में कमी प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी समस्याओं के पीछे पश्चिम का मॉडल है जिसमें माना जाता है कि सभी संसाधन मनुष्यों के लिए है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी प्रकृति के साथ रहने और उसके संरक्षण पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की चुनौतियों को देखते हुए पश्चिमी देश आज जो कदम उठा रहे हैं, भारत में उनका पालन प्राचीन काल से हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास वनों के संरक्षण के साथ ही आधारभूत ढांचा का विकास करना है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से संतुलित विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। यादव ने कहा कि इस विधेयक से जंगलों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में आसानी होगी वहीं वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी आदिवासियों के विकास के लिए सरकार काम कर सकेगी। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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