तिरुवनंतपुरम, केरल में पतनमथिट्टा जिले के सबरीमला स्थित प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए तैयार है जिसके कपाट 17 नवंबर को ‘मंडलम-मकरविलाक्कु’ उत्सव के साथ खुलेंगे।
घने जंगलों के बीच पहाड़ी पर स्थित मंदिर में दो महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थ यात्रा की शुरुआत शुक्रवार को होगी और तब परिसर ‘अयप्पा शरणम’ के जयकारों से गूंज उठेगा। यह वार्षिक तीर्थयात्रा मलयालम महीने वृषचिकम के पहले दिन से शुरू होगी।
केरल के देवस्वोम मंत्री के. राधाकृष्णन ने मंगलवार को कहा कि भगवान अयप्पा मंदिर की वार्षिक तीर्थ यात्रा को सुचारु तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षित और सुचारु तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं और इसके लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
तीर्थ यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि तैयारियों की समीक्षा के लिए छह उच्च स्तरीय बैठकें की गईं जिनमें से दो में स्वयं मुख्यमंत्री पिनराई विजयन मौजूद थे।
राधाकृष्णन ने कहा कि मंदिर परिसर सन्निधानम में भीड़ प्रबंधन के लिए गतिशील कतार नियंत्रण प्रणाली की शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा नीलक्कल, पंपा और सन्निधानम में श्रद्धालुओं को भीड़ की जानकारी देने के लिए वीडियो स्क्रीन लगाए गए हैं। तीर्थ यात्रा के रास्ते में 15 स्थानों पर आपात स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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