सरकार प्रदेश को चिकित्सकीय ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है

जयपुर, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की अत्याधिक आवश्यकता के दृष्टिगत राज्य सरकार प्रदेश को चिकित्सकीय ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में अधिकाधिक ऑक्सीजन प्लांट लगाने तथा सांद्रक आदि उपकरणों की खरीद की त्वरित योजना बनाकर इसे समयबद्ध रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

गहलोत सोमवार रात को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19, ऑक्सीजन एवं सांद्रक, टैंकरों की उपलब्धता सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ-साथ उद्योग, नगरीय विकास, स्वायत्त शासन विभाग और जिला प्रशासन नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने अथवा करवाने और ऑक्सीजन सांद्रकों की खरीद के लिए समन्वित प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन की जरुरत को पूरा करने में ऑक्सीजन सांद्रक उपयोगी साबित हो सकते हैं। इनकी जल्द-से-जल्द खरीद की जाए और आयात करने के लिए विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों का भी सहयोग लिया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि शिपिंग तथा अन्य कारणों से इनके पहुंचने में विलम्ब नहीं हो।

गहलोत ने निर्देश दिए कि अधिकारी जामनगर और भिवाड़ी से मिल रही ऑक्सीजन की आपूर्ति को जल्द-से-जल्द अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए संबंधित कंपनियों के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय बनाए रखें, ताकि जामनगर सहित अन्य दूरस्थ स्थानों से ऑक्सीजन का शीघ्र उठाव भी संभव हो सके।

उन्होंने बताया कि सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर प्रदेश को ऑक्सीजन के उठाव के लिए अतिरिक्त टैंकर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

सरकारी बयान में मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने जानकारी दी कि केंद्रीय गृह सचिव तथा स्वास्थ्य सचिव ने केन्द्र सरकार की ओर से राजस्थान के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के संकेत दिए हैं।

उन्होंने बढ़े हुए कोटे की आपूर्ति जामनगर से करने की मांग की है तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज के अधिकारियों के साथ इस प्लांट से अधिक आपूर्ति देने के विषय पर चर्चा की है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ अस्पतालों में भारत सरकार की ओर से ऑॅक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग, सुबोध अग्रवाल ने बताया कि चीन और रूस से सांद्रक के आयात की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दुबई तथा मुबंई से भी कुछ फर्मो से सांद्रक खरीद की चर्चा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस माह के मई के अंत तक प्रदेश में लगभग 25 हजार सांद्रक उपलब्ध हो जाएंगे।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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