नयी दिल्ली/सिंगापुर, सरकार ने एयर इंडिया समूह में सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) के 2 058.5 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है। विस्तारा के एयर इंडिया के साथ विलय के तहत यह मंजूरी दी गई है। इस सौदे से दुनिया के सबसे बड़े एयरलाइन समूहों में से एक का गठन होगा। टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच संयुक्त उद्यम (जेवी) विस्तारा विलय सौदे के तहत 11 नवंबर को बंद हो जाएगी। विलय पूरा होने के बाद सिंगापुर की इस विमानन कंपनी के पास एयर इंडिया समूह में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। एसआईए ने एक बयान में कहा यह मंजूरी विलय की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। विलय के इस वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। मंजूरी मिलने के बाद एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) कैम्पबेल विल्सन ने शुक्रवार को कर्मचारियों को बताया कि विस्तारा के विमान और चालक दल को एयर इंडिया में शामिल करने की तारीख 12 नवंबर तय की गई है। विस्तारा अभी घाटे में है और उसके पास 70 विमानों का बेड़ा है। यह 50 गंतव्यों के लिए उड़ान भरती है। कंपनी 11 नवंबर को अपने ब्रांड के तहत अंतिम उड़ान भरेगी। जुलाई में इसकी घरेलू बाजार हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी। विस्तारा ने बयान में कहा ‘‘ तीन सितंबर 2024 से ग्राहक 12 नवंबर 2024 को या उसके बाद की यात्रा के लिए विस्तारा की उड़ान के लिए बुकिंग नहीं कर पाएंगे।’’ इसके बाद विस्तारा के विमानों का परिचालन एयर इंडिया द्वारा किया जाएगा और इन विमानों द्वारा संचालित मार्गों के लिए बुकिंग एयर इंडिया की वेबसाइट पर पुनः निर्देशित की जाएगी। एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है और विस्तारा टाटा तथा सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 अनुपात वाला संयुक्त उद्यम है। सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने शुक्रवार को सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज को दी सूचना में बताया एयर इंडिया के साथ विस्तारा के प्रस्तावित विलय के हिस्से के रूप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए भारत सरकार से उसे मंजूरी मिल गई है। विमानन कंपनी ने बताया कि विलय का पूरा होना संबंधित पक्षों द्वारा लागू भारतीय कानूनों के अनुपालन के अधीन है। इसके अगले कुछ महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। कंपनी सूचना के अनुसार ‘‘ प्रस्तावित विलय के 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।’’एसआईए के 2 058.5 करोड़ रुपये के एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी विलय का अंतिम बड़ा पड़ाव था। एसआईए ने नवंबर 2022 में विलय की घोषणा करते हुए कहा था कि वह लेनदेन के हिस्से के रूप में एयर इंडिया में 2 058.5 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और कुल मिलाकर एयरलाइंस के पास सभी प्रमुख बाजार क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ विस्तारित एयर इंडिया समूह में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस विलय से सबसे बड़े एयरलाइन समूहों में से एक का गठन होगा। इसको जून में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलटी) ने मंजूरी दी थी। इससे पहले सितंबर 2023 में इस सौदे को कुछ शर्तों के अधीन भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मिल गई थी। विल्सन ने शुक्रवार को कहा कि 12 नवंबर या उसके बाद विस्तारा की उड़ानों के लिए उड़ान संख्या एयर इंडिया की संख्या में बदल जाएगी हालांकि लगभग सभी मामलों में विमान समय सारिणी और परिचालन चालक दल 2025 की शुरुआत तक अपरिवर्तित रहेंगे।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common