सीबीआई को यूएई-सऊदी की ओर से कई फरार भारतीयों के खिलाफ अभियोजन का अनुरोध मिला, प्राथमिकी दर्ज

नयी दिल्ली, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब की ओर से 16 भगोड़े भारतीयों के खिलाफ अभियोजन शुरू करने का अनुरोध सीबीआई को मिला है। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि खाड़ी देशों से भागे ये भारतीय धोखाधड़ी और हत्या के अलग-अलग मामलों में वांछित है। सीबीआई ने फरार दो व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

यूएई और भारत के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण समझौता है। इसी के तहत स्थानीय अभियोजन के लिए यूएई दूतावास द्वारा विदेश मंत्रालय के माध्यम से सीबीआई को अनुरोध भेजे गए हैं। इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने खाड़ी देश द्वारा उनके अनुरोधों में वांछित दो व्यक्तियों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई ने केरल निवासी रजनीश दास के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो दुबई की एक कंपनी में कथित तौर पर 15 लाख दिरहम धोखाधड़ी में संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों द्वारा वांछित है। रजनीश कंपनी में सहायक प्रबंधक के रूप में काम कर रहा था। आरोप है कि उसने एल्युमीनियम की स्ट्रिप्स चुरा ली थी जिसे उसने बेच दिया था। एजेंसी ने कर्नाटक निवासी सौकत अली तीर्थहल्ली के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है, जो एक निर्माण कंपनी में 14 लाख दिरहम के कथित गबन के लिए वांछित है, जहां वह वित्त प्रबंधक के रूप में काम कर रहा था।

विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब सरकार से तीन व्यक्तियों के स्थानीय अभियोजन के लिए एक अनुरोध भी भेजा है, जो कथित रूप से विश्वास के उल्लंघन और राज्य को अवैध रूप से छोड़ने के लिए वहां वांछित थे। सऊदी अरब सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने अब्दुल रहमान, अब्दुल समद कमालुद्दीन और अनीश सोमपालन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वह तीन लाख सऊदी रियाल को तीनों के पास छोड़कर इबादत करने गया था, लेकिन ये तीनों व्यक्ति पैसे लेकर देश से अवैध रूप से फरार हो गए।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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