स्ट्रांग रूम के लिए दो स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था: दिल्ली निर्वाचन आयोग

नयी दिल्ली दिल्ली निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि सात संसदीय क्षेत्रों के स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम और वीवीपैट के लिए दो स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए राजधानी दिल्ली के सभी सात लोकसभा क्षेत्रों में 25 मई को मतदान हुआ था। मतों की गिनती चार जून को होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने कहा कि उसने स्ट्रांग रुम पर चौबीस घंटे दो स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है जिसमें भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) सुरक्षा प्रावधानों के तहत भीतरी परिधि केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ) द्वारा संरक्षित है जबकि सबसे बाहरी परिधि राज्य सशस्त्र पुलिस द्वारा संरक्षित है।
सीईओ के बयान में कहा गया है कि स्ट्रांग रूम के सीलबंद दरवाजों और गलियारों की चौबीस घंटे सीसीटीवी कैमरे से निरंतर निगरानी की व्यवस्था की गई है साथ ही स्ट्रॉन्ग रूम में एकल प्रवेश/निकास बिंदु और ‘डबल लॉक सिस्टम’ की भी व्यवस्था की गई है।
बयान में कहा गया है कि स्ट्रांग रूम खोलने और बंद करने के दौरान अनिवार्य वीडियोग्राफी और वहां अधिकृत अधिकारियों (सामान्य पर्यवेक्षकों डीईओ या डीसीपी) के दौरे की रिकॉर्डिंग के लिए लॉगबुक रखने का अनुपालन किया जाता है।
इसके अलावा स्ट्रॉन्ग रूम के निकट एक परिचालित नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है और वीआईपी और अधिकारियों सहित किसी के भी वाहन का प्रवेश वर्जित है।
सीईओ के कार्यालय ने सात संसदीय क्षेत्रों में से प्रत्येक में स्ट्रॉन्ग रूम स्थापित किए हैं। इनमें चांदनी चौक में एसकेवी भरत नगर उत्तर पूर्वी दिल्ली में आईटीआई नंद नगरी पूर्वी दिल्ली में खेल परिसर सीडब्ल्यूजी गांव अटल आदर्श बालिका विद्यालय गोल मार्केट नयी दिल्ली उत्तर पश्चिमी दिल्ली में डीटीयू शाहबाद दौलतपुर पश्चिमी दिल्ली में एनएसयूटी द्वारका और दक्षिण दिल्ली में जीजाबाई महिला आईटीआई सिरी फोर्ट शाामिल है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी. कृष्णमूर्ति ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के एजेंट/प्रतिनिधियों को सीसीटीवी निगरानी के माध्यम से इन स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से निगरानी करने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि स्ट्रांग रूम स्थान पर उनके रहने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षा उपायों का निरीक्षण करने सत्यापन करने और आश्वस्त होने के लिए समय-समय पर टोलियों में आंतरिक परिधि तक पहुंच प्रदान की जाती है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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